अजित पवार की आगे की राह मुश्किल

Fri, Jul 07 , 2023, 09:17 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

० पिछले साल ही हुआ है एनसीपी का संविधान संशोधन  
० राष्ट्रीय कमेटी की बैठक बुलाने का अधिकार अध्यक्ष के पास
मुंबई।
उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना में बगावत के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने ८ जुलाई 2022 को पार्टी के संविधान में संशोधन किया था। संविधान संशोधन के जरिए राकांपा अध्यक्ष या उसके द्वारा मनोनीत महासचिव के पास नेशनल कमेटी की बैठक बुलाने का अधिकार होगा। जानकारों के अनुसार यह संविधान संशोधन अजित पवार गुट की राह मुश्किल कर सकता है।
राकांपा के संविधान के आर्टिकल 39 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि मुख्यधारा की किसी पार्टी में शामिल होने या विलय करने अधिकार पार्टी की नेशनल कमेटी के पास होगा। नेशनल कमेटी की बैठक बुलाने का अधिकार अध्यक्ष या अध्यक्ष की तरफ से मनोनीत महासचिव के पास होगा। एक महीने का नोटिस देने के बाद ही बैठक बुलाई जा सकती है। साथ ही नेशनल कमेटी के सभी निर्वाचित सदस्यों में से ७५ प्रतिशत सदस्यों का बैठक में उपस्थित रहना अनिवार्य है और ९० प्रतिशत सदस्यों को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करना अनिवार्य है। एनसीपी से अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी का असली सूत्रधार कौन है? इसे लेकर बहस शुरू हो गई है। ऐसे समय में पार्टी संविधान के प्रावधान महत्वपूर्ण होंगे। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव आयोग में शरद पवार के बीच होने वाली बहस में असली मुद्दा पार्टी का संविधान होगा।

टूटी नहीं है एनसीपी: प्रफुल्ल पटेल
इधर अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने कहा कि एनसीपी टूटी नहीं है। हमने कि 30 जून को विधायक दल और संगठनात्मक शाखाओं ने सर्वसम्मति से अजित पवार को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उन्होंने 40 से अधिक विधायकों के हलफनामे के साथ भारत के चुनाव आयोग को एक याचिका सौंपी है, जिसमें अजित पवार की नियुक्ति के बारे में सूचित किया गया है और पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किया गया है।

दिल्ली में हुई बैठक अधिकृत नहीं
उन्होंने दावा किया कि गुरुवार को दिल्ली में शरद पवार द्वारा आयोजित एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आधिकारिक नहीं थी। एनसीपी के वरिष्ठ नेता पटेल ने कहा, पार्टी का संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 30 जून को देवगिरी (मुंबई में अजित पवार का आधिकारिक आवास) पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें विधायक, पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने सर्वसम्मति से अजित पवार को अपना नेता नियुक्त किया। पटेल ने आगे कहा कि नियुक्ति के तुरंत बाद अजित पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को बताया कि प्रफुल्ल पटेल को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को खुद एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त किया, अनिल पटेल विधानसभा में पार्टी सचेतक बने रहे और विधान परिषद सभापति को सूचित किया गया कि अमोल मिटकारी को परिषद में सचेतक नियुक्त किया गया है।

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