Type of Eyes Colour : क्या आप जानते हैं मानव आंखें अलग अलग रंगों की क्यों होती हैं?आंखों का सबसे दुर्लभ रंग क्या है

Tue, Jun 13 , 2023, 11:52 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

 Rarest Eye Color : क्या ये बात आपको हैरान नहीं करती कि मानव आंखें अलग अलग रंगों की क्यों होती हैं. भारत में आमतौर पर लोगों की आंखें काली और भूरी (black and brown eyes) होती हैं लेकिन जब हम नीली या दूसरी रंगों की आंखों वाले लोगों को देखते हैं तो बरबस उनकी आंखें हमें आकर्षित करती हैं. वैसे मानव आंखों में रंगों का गजब की विविधता दुनियाभर (all over the world) में पाई जाती है.
अगर आप ये समझते हैं कि बच्चे की आंखों का रंग वैसा ही होगा, जैसा माता-पिता का होगा तो ये गलत साबित हो सकता है. माता-पिता की आंखों के रंग के आधार पर बच्चे की आंखों के रंग का अनुमान नहीं लगा सकते. हमारी आंख के बीच में पुतली लगभग हमेशा काले रंग की होती है, इसके चारों ओर रंगीन वलय, जिसे परितारिका कहा जाता है, कितने भी रंगों की हो सकती है.
पारितारिका को अंग्रेजी में आइरिश ( iris) भी कहते हैं. सबसे आम परितारिका का रंग भूरा है. इसका मतलब है कि पृथ्वी पर किसी भी अन्य रंग की तुलना में अधिक लोगों की आंखें भूरी हैं लेकिन सबसे दुर्लभ आंखों का रंग क्या है?
हरे रंग को दुनिया का सबसे दुर्लभ आंखों का रंग बताया गया है. 2014 के अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के सर्वेक्षण में पाया गया कि सिर्फ 9 प्रतिशत लोगों की आंखें हरी हैं, जबकि 45 प्रतिशत की आंखें हल्के भूरे रंग की हैं. 18 प्रतिशत की भूरी आंखें हैं और 27 प्रतिशत की नीली आंखें हैं.
कभी कभी लोगों की आंखें लाल या गुलाबी होती हैं लेकिन ऐल्बिनिज़म जैसे रोग का परिणाम हो सकता है. इन मामलों में आंख के अंदर की रक्त वाहिकाएं उन्हें गुलाबी या लाल रूप देती हैं. हेटरोक्रोमिया नामक एक अन्य दुर्लभ स्थिति में लोगों की दोनों आंखों का रंग अलग अलग हो सकता है. उनकी एक भूरी आंख और एक नीली आंख हो सकती है. हेटरोक्रोमिया वाले अधिकांश लोग इसके साथ पैदा होते हैं.आपकी आंखों का रंग विभिन्न जीनों से तय होता है, जो आपको विरासत में मिला है. आंखों के रंग का आनुवंशिकी एक जटिल विज्ञान है जो एक बच्चे के माता-पिता की आंखों के रंग से परे जाता है. उदाहरण के तौर पर नीली आंखों वाले दो माता-पिता भूरी आंखों वाला बच्चा पैदा कर सकते हैं. ज्यादातर समय, लोगों की आंखों का रंग जीवनभर एक जैसा रहता है. नीली आंखों वाले बच्चे की आंखें उनके पहले वर्ष या यहां तक ​​कि उनके पहले कुछ वर्षों में काली हो सकती हैं. हालांकि, ऐसी कई स्थितियाँ हैं जिनके कारण किसी व्यक्ति की आंखों का रंग बदल जाता है. उदाहरण के लिए, मोतियाबिंद आंखों को धुंधला बना सकता है. चोट लगने से भी आंखों के रंग में बदलाव आ सकता है.

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