Rajasthan Congress Crisis: कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) आज अनशन पर बैठेंगे. उनके अनशन पर बैठने से पहले एक तस्वीर काफी चर्चा में है और ये तस्वीर शहीद स्मारक पर लगे टेंट की है. दरअसल, अनशन स्थल पर एक बड़ा होर्डिंग लगाया गया है जिस पर लिखा है, 'वसुंधरा सरकार (Vasundhara government) में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन.' इस होर्डिंग में महात्मा गांधी की तस्वीर और महात्मा ज्योतिबा फूले (Mahatma Jyotiba Phule) की तस्वीर है. अनशन स्थल पर पायलट के समर्थक भी पहुंच गए हैं.
हालांकि, राजनीति के जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट ने ये दांव राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व के भविष्य को लेकर स्पष्टता के लिए चला है. पायलट चाहते हैं कि कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में पार्टी के नेतृत्व की दिशा और दशा स्पष्ट करे. ऐसा न हो कि चुनाव के लिए पायलट जान लगा दें और फिर चुनाव के बाद जीत मिलने पर गहलोत को ही सब कुछ मिल जाए.
'तस्वीर तो दिखावा है...'
सचिन पायलट के अनशन स्थल की तस्वीर को मात्र दिखावा भर माना जा रहा है, क्योंकि पायलट इस अनशन के बहाने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को ये बताना चाहते हैं कि गोहलोत सरकार राज्य में बीजेपी के खिलाफ जांच करने की जगह उसको मदद पहुंचा रही है. पायलट का अनशन 11 बजे शुरू होगा. इस बात की जानकारी उन्होंने रविवार को ही दे दी थी.
राजस्थान कांग्रेस में वर्चस्व की इस लड़ाई की वजह से कांग्रेस आलाकमान भी नाराज चल रहा है. अब सवाल उठ रहा है कि गहलोत झुकेंगे या फिर डटेंगे? पायलट का आरोप है कि गहलोत ने बीजेपी सरकार में हुए घोटाले पर कोई कार्रवाई नहीं की है. साथ ही उन्होंने घोटाले पर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की मिलीभगत का आरोप लगाया है. पायलट का आरोप है कि 45 हजार करोड़ के घोटाले को गहलोत सरकार ने ऐसे ही छोड़ दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस मामले को जांच के लिए 4 साल बाद भी सीबीआई को नहीं दिया. जांच नहीं होगी तो कैसे पता चलेगा कि दोषी कौन है? पायलट ने हमेशा से दावा किया है कि घोटालों के दस्तावेज भी उनके पास हैं.
पार्टी गहलोत के साथ!
पायलट ने गहलोत सरकार को याद दिलाया कि पार्टी बीजेपी के भ्रष्टाचार को उजागर करने का वादा करके सरकार में आई थी लेकिन अभी तक घोटालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं गई है. हालांकि, कांग्रेस की तरफ से पायलट के इस अनशन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया गया है. पार्टी ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर कांग्रेस में ही इस मुद्दे को लेकर इतना विरोधाभास क्यों है?
कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी ये है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में जब पार्टी के दो बड़े नेता आमने-सामने आ जाएं तो संगठन और कार्यकर्ताओं को कौन संभाले? चुनावी रणनीति कैसे तैयार हो? किसे चुनाव का चेहरा बनाया जाए? हालांकि, पार्टी आलाकमान गहलोत के साथ खड़ा नजर आ रहा है. यही कारण है कि पायलट द्वारा गहलोत सरकार पर सवाल उठाने के तुरंत बार पार्टी ने गहलोत सरकार के कामों की सराहना की है और उनके काम-काज की भी तारीफ की है.



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Tue, Apr 11 , 2023, 10:32 AM