Karnataka Election 2023: लिंगायत बनेंगे कर्नाटक के किंग मेकर, इसलिए अहम होगी विधानसभा चुनाव में भूमिका

Fri, Apr 07 , 2023, 03:46 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Karnataka Election 2023:  कर्नाटक में एक महीने बाद चुनाव होने हैं और इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने तैयारी शुरू कर दी है. सूब में 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को नतीजों की घोषणा की जाएगी. 84 फीसदी हिंदू आबादी वाले राज्य कर्नाटक में इस समय बीजेपी की सत्ता है. हालांकि, इस बार कांग्रेस और जेडीएस ने पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. दरअसल, कर्नाटक के कई ऐसे हिस्से हैं जो सभी पार्टियों के लिए चुनावी रूप से काफी मायने रखते हैं. इसी में से एक है कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र.
कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र (Kittur Karnataka constituency) लिंगायत बहुल इलाका है, यहां से 50 विधायक चुने जाते हैं. राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) भी यहीं से आते हैं. इनके अलावा कई वरिष्ठ नेता भी यहां से आते हैं. यही कारण है कि प्रत्येक विधानसभा चुनावों में ये किंगमेकर (kingmaker) की भूमिका में होती है. इस क्षेत्र में 7 जिले आते हैं, जिनमें बागलकोट, धारवाड़, विजयपुरा, बेलगावी, हावेरी, गडग और उत्तर कन्नड़ शामिल हैं. यहां बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर माना जा रहा है. वहीं, जेडीएस की स्थिति कमजोर बताई जा रही है.
लिंगायत किंग मेकर क्यों?
पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की कुल 50 सीट में से 30 सीट बीजेपी के खाते में गई थी. वहीं, कांग्रेस को 17 सीट और जेडीएस को दो सीट पर जीत मिली थी. कर्नाटक की कुल आबादी में 12.9 प्रतिशत मुसलामान हैं, जबकि 1.87 प्रतिशत ईसाई हैं. हालांकि, पूरी आबादी में 17 प्रतिशत हिस्सा लिंगायत समुदाय के लोगों का है. इसलिए कहा जाता है कि जिस पार्टी को इस समुदाय का साथ मिल गया समझो उसकी सरकार बन गई.
कभी कांग्रेस के वोटर थे लिंगायत
लिंगायत वोट बैंक पर कभी कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था. लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने लिंगायत समुदाय से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र पाटिल को उस समय पद से हटा दिया था जब वो स्ट्रोक बीमारी से जूझ रहे थे. ऐसे में लिंगायत समुदाय ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और इसी समय बीजेपी में ये वोट शिफ्ट हो गए. तब से लिंगायत समुदाय का समर्थन बीजेपी को मिलता आ रहा था.
बीजेपी से दूर होकर समुदाय ने फिर की वापसी
हालांकि, लिंगायत समुदाय से आने वाले बी एस येदियुरप्पा के बीजेपी से अलग होने के बाद इस समुदाय ने भी बीजेपी से मुंह मोड़ लिया और 2013 के चुनावों में कांग्रेस ने शानदार वापसी की. कांग्रेस को इस क्षेत्र की 50 में से 31 सीट पर जीत मिली. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले येदियुरप्पा एक बार फिर बीजेपी में आ गए. इसी के साथ लिंगायत वोट एक बार फिर बीजेपी के साथ हो गया. 
वर्तमान में 224 सीटों वाले कर्टनाक विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं, जबकि जेडीएस के विधायकों की संख्या 30 है. वहीं, सत्ता पर काबिज बीजेपी के पास 121 विधायक हैं.

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups