कोई 213 तो कोई 409 वोट से जीत विधायक बना
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों (Karnataka assembly elections) का एलान बुधवार को हो सकता है। मौजूदा विधानसभा की बात करें तो 2018 में 104 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी (largest party) बनी थी। हालांकि, 224 सीटों वाली विधानसभा में 113 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी। कांग्रेस को 80 तो जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी।
2018 में कुछ उम्मीदवार ऐसे भी थे जो हारते-हारते जीत गए थे। इनमें से कोई दो सौ तो कोई चार सौ वोट से जीतने में सफल रहा था। सबसे कम अंतर से जीत दर्ज करने वाले पांच विधायकों की बात करें तो इनमें से चार कांग्रेस के थे। वहीं, एक विधायक भाजपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचा। इन पांचों की जीत का अंतर एक हजार से भी कम था। आइये जानते हैं इन पांच विधायकों के बारे में…
प्रतापगौड़ा पाटिल (Pratapgouda Patil): प्रतापगौड़ा पाटिल रायचुर जिले की मस्की सीट से जीते थे। हालांकि, बाद में पाटिल पाला बदलकर भाजपा में आ गए। इसके बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने यहां से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगौड़ा ने भाजपा उम्मीदवार बसानागौड़ा तुरविहाल को महज 213 मतों के अंतर से हराया था। प्रतापगौड़ा पाटिल को कुल 60,387 वोट मिले। वहीं, भाजपा उम्मीदवार को 60,174 वोट मिले थे। पाटिल 2013 में भी मस्की सीट से कांग्रेस तो 2008 में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।
वेंकटरमनप्पा(Venkataramanappa): 2018 के विधानसभा चुनाव में वेंकटरमनप्पा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने जेडीएस के केएम थिमरयप्पा को तुमकुर जिले की पवागडा सीट पर महज 409 वोटों के अंतर से हराया था। वेंकटरमनप्पा को कुल 72,974 वोट मिले। वहीं, थिमरयप्पा को 72,565 वोट मिले। थिमरयप्पा को महज 409 वोट से हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों के अलावा बाकी 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। नौ उम्मीदवारों को तो नोटा से भी कम वोट मिले।
बसावनगौड़ा पाटिल(Basavanagowda Patil): 2018 विधानसभा चुनाव में बसावनगौड़ा पाटिल कांग्रेस के टिकट पर हवेरी जिले की हिरेकरुर सीट से जीते थे। उन्होंने भाजपा के उज्जनेश्वर बनकर को महज 555 वोटों के अंतर से हराया था। बसावनगौड़ा पाटिल को कुल 72,461 वोट मिले। वहीं, भाजपा के उज्जनेश्वर बनकर को 71,906 वोट मिले थे।
चन्नबसप्पा सथयप्पा शिवल्ली(Channabasappa Sathyappa Shivalli): 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चन्नबसप्पा सथयप्पा शिवल्ली ने धाड़वड की कुंडगोल सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के चिक्कनगौड़ा सिद्दानागौड़ा इश्वरगौड़ को 634 वोटों के अंतर से हराया था। शिवल्ली को कुल 64,871 वोट मिले थे। वहीं, इश्वरगौड़ को 64,237 वोट मिले थे। इन दोनों के अलावा बाकी दस सदस्यों की जमानत जब्त हो गई। इन दस में से आठ उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। कुंडगोल सीट के कुल 1,032 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
गुट्टेदार सुभाष रुकमय्या(Guttedar Subhash Rukmayya): 2018 में भाजपा के गुट्टेदार सुभाष रुकमय्या गुलबर्गा जिले की अलेंड विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बीआर पाटिल को 697 वोटों से हराया था। रुकमय्या को कुल 76,815 वोट मिले थे। वहीं, बीआर पाटिल को 76,118 वोट से संतोष करना पड़ा। इन दोनों के अलावा किसी भी उम्मीदवार को दो फीसदी वोट भी नहीं मिले। सभी की जमानत जब्त हो गई। कुल 11 में से नौ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वहीं, आठ को नोटा से भी कम मिले। अलेंड के 1,445 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था।



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Wed, Mar 29 , 2023, 12:16 PM