नयी दिल्ली, 23 अगस्त (वार्ता)। केन्द्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2030 तक भारत में इस्पात उत्पादन 30 करोड़ टन हो जायेगा और देश प्रमुख आयातक से प्रमुख निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। फिक्की की ओर से भारतीय खनिज एवं धातु उद्योग के ‘ट्रांजिशन 2030 एंड विजन 2047’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत (India) न केवल एक निर्यातक देश है बल्कि यह एक बड़ा उपभोक्ता देश भी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश की प्रति व्यक्ति स्टील खपत बढ़ेगी और 2047 तक मौजूदा विश्व औसत 225 किग्रा तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि आप वर्तमान वैश्विक प्रति व्यक्ति इस्पात उपभोग 225 किलोग्राम की तुलना में 2013-14 के देश में 57.8 किलोग्राम के आंकड़े को देखें तो मात्र आठ वर्षों में हमारी खपत 50 प्रतिशत वृद्धि के साथ 78 किलाेग्राम प्रति व्यक्ति तक बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति खपत तिगुनी हो जाएगी और 2047 तक विश्व औसत 225 किलोग्राम प्राप्त कर लेगी। श्री सिंधिया ने कहा कि अब उत्पादन क्षमता सामर्थ्य 10 करोड़ 20 लाख टन से बढ़कर 15 करोड़ 40 लाख टन तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा, “ वर्तमान में हम 12 करोड 10 लाख टन इस्पात का उत्पादन कर रहे हैं जबकि वर्ष 2013-14 में यह मात्र आठ करोड़ टन थी। सभी चारों मापदंडों पर भारतीय इस्पात उद्योग (Indian steel industry) न केवल मजबूती से कदम बढ़ा रहा है बल्कि हम दुनिया के चौथे उत्पादक से दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक बनने की ओर अग्रसर है।
केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में पहले पायदान पर खड़ा व्यक्ति हमसे काफी आगे हैं, लेकिन एक दिन ऐसा आयोगा, जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बनेगा।”



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Tue, Aug 23 , 2022, 02:33 AM