कोलकाता, 02 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच गत सोमवार को हुई हाथापाई के बाद अनुशासन का डंडा चला है। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने सालभर के लिए निलंबित पांच भाजपा विधायकों (legislators) का भत्ता रोक दिया है। विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार रात भाजपा के निलंबित विधायकों को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है। इनमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने हाथापाई के बाद भाजपा सदस्य शुभेंदु अधिकारी, चीफ व्हिप मनोज टिग्गा, दीपक बर्मन, नरहरी महतो (Narhari Mahto) और शंकर घोष को निलंबित किया था। इन प्रतिबंधों में यह भी है कि नेता प्रतिपक्ष अब विधानसभा में आवंटित अपने कमरे में नहीं जा सकेंगे। विधानसभा लॉबी में प्रवेश करने का अधिकार नहीं होगा। पांचों विधायक स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में भी उपस्थित नहीं हो पाएंगे। यह पत्र मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में आपातकाल है। ममता बनर्जी सामने आने से डरती हैं। उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सत्ता बल का दुरुपयोग कर विधानसभा से दूर रखने की शुरुआत की है। इस बारे में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है इससे पहले महाराष्ट्र में भाजपा विधायकों के निलंबन को सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में असंवैधानिक करार दे चुका है।



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Sat, Apr 02 , 2022, 10:09 AM