राकांपा प्रमुख पवार ने व्यक्त की निजी राय
महानगर संवाददाता
मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाविकास आघाड़ी सरकार के विधायकों को घर देने के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मेरा निजी मत है कि विधायकों को घर नहीं दिए जाएं। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र में गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने एमएमआर रीजन के बाहर के और ग्रामीण क्षेत्र के विधायकों को गोरेगांव में म्हाडा के 300 घर देने की घोषणा (Announcement) की थी। उनका कहना था कि विधायकों को ये घर मुफ्त (home free) में नहीं दिए जाएंगे, बल्कि उनसे जमीन और निर्माण कार्य की कीमत वसूल की जाएगी। इन घरों की अनुमानित कीमत 70 लाख रुपए बताई जा रही है। बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी विधानसभा में विधायकों को घर दिए जाने की घोषणा की थी।
इस फैसले को लेकर जनता की नाराजगी भापते हुए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि विधायकों को घर देने का फैसला महाविकास आघाडी (Mahavikas Aghadi) सरकार का है, पर यह मेरी निजी राय है कि विधायकों को घर नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह निर्माण योजना में कोटा तय कर विधायकों (legislators) को घर दिए जाएं। वे इस संबंध में पार्टी के मंत्रियों से चर्चा करेंगे। विधायकों को मुफ्त घर देने की खबरों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि विधायकों के घर के पैसे किसानों, एसटी कर्मचारियों को प्रदान किए जाएं। उनका कहना था कि विधायकों को घर दिया जाना ठीक नहीं है।
विधायकों को घर दिए जाने के निर्णय पर आम लोगों ने नाराजगी प्रकट की थी। उनका कहना है कि आम लोगों को म्हाडा के घर मिल नहीं पाते, जबकि विधायकों के पास करोड़ों की संपत्ति है, साथ ही विधायकों के पास 7 से 8 घर हैं। ऐसे में उन्हें घरों की क्या जरूरत है?



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Mon, Mar 28 , 2022, 08:55 AM