मराठा आरक्षण के आश्वासन पर नहीं की कोई कारवाई
महानगर संवाददाता
मुंबई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार पर छत्रपति संभाजी राजे (Chhatrapati Sambhaji Raje) के साथ धोखा किए जाने का आरोप लगाया है। सोमवार को विधानसभा में मराठा आरक्षण पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के बाद, बाहर पाटिल ने कहा कि मराठा समाज की मांग के लिए राजर्षि शाहू महाराज के वंशज को उपवास करना पड़ता है जो राज्य के लिए शर्म की बात है। इसका हम तीव्र विरोध करते हैं। उपवास तोड़ते समय सरकार के मंत्रियों ने पंद्रह मुद्दों का लिखित आश्वासन दिया था लेकिन अब तक आश्वासनों का पालन नहीं किया जा रहा है
पाटिल ने आगे कहा कि सारथी संस्था में रिक्त पदों को 15 मार्च तक भरने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तारीख बीतने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। दो साल पहले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) रद्द करने के बाद फैसले का अध्ययन करने के लिए नियुक्त की गई भोसले समिति की सिफारिश पर सरकार ने अभी तक एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने तक, इस आरक्षण के तहत जिनकी नियुक्ति हो गई थी, केवल नियुक्ति पत्र देना बाकी था, उन्हें देना ही चाहिए। विधिमंडल (legislature) के दोनों सदनों को मिलाकर 138 मराठा विधायक है उन्हें व अन्य को मराठा समाज के लिए आवाज उठानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की युति सरकार के समय ओबीसी और मराठा समाज को एक सूत्र में लाकर अनेक सहूलियत दी गई। मराठा समाज के विद्यार्थियों के लिए 605 कोर्सेज की फीस भरी गई और इसके लिए हर साल 750 करोड़ रुपये खर्च किया गया। अब सारथी विषय पर टालमटोल शुरू है। अण्णासाहेब पाटिल महामंडल को बर्खास्त कर उसे योजना विभाग के अंतर्गत लाकर उसकी स्वायत्तता (autonomy) को समाप्त कर दिया गया।



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Mon, Mar 21 , 2022, 10:08 AM