Lakhpati Didi Scheme: लखपति दीदी योजना केवल आय का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, सम्मान का प्रतीक है: राधाकृष्णन

Wed, Nov 05 , 2025, 09:01 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

राजनांदगांव। उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन (President C.P. Radhakrishnan) ने बुधवार को लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Scheme) केवल आय का नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता, सम्मान का प्रतीक है और इसके माध्यम से संकल्प लेकर महिलाएं चुनौती को अवसर में तब्दील कर रही हैं। राधाकृष्णन ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सरकारी उच्च विद्यालय के मैदान में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन का उद्धाटन किया। इस दौरान वंदन योजना की 21वीं किश्त के रूप में प्रदेश के 69 लाख सात हजार 615 महिला हितग्राहियों को 646 करोड़ 52 लाख 10 हजार रूपए की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से उनके खाते में हस्तांतरित किये। 

इसके साथ ही नियद नेल्लानार योजना (Niyada Nellanar Scheme) के तहत प्रथम किश्त के रूप में सात हजार 658 हितग्राहियों को 76 लाख 26 हजार 500 रूपए की राशि उनके खाते में भेजे। इस तरह से उन्होंने कुल 69 लाख 15 हजार 273 हितग्राहियों को कुल 647 करोड़ 28 लाख 36 हजार 500 रुपये का डीबीटी के माध्यम से प्रदान किये। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ को ऊर्जवान, विकासशील और विकसित राज्य करार देते हुए कहा, “हम प्रदेश की स्थापना के 25 वर्षों का आनंद उत्सव मना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के स्थापना के प्रारंभिक वर्ष में पानी, बिजली एवं अधोसंरचना की कमी थी। आज छत्तीसगढ़ एक बिजली उत्पादक राज्य के रूप में उभरकर सामने आया है और उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिला प्रशासन की ओर से एक लाख से अधिक महिलाओं को स्वसहायता समूह बिहान से जोड़ा गया है। राजनांदगांव माँ बम्लेश्वरी देवीके धाम को महिला सशक्तिकरण और उन्नयन के लिए एक मिसाल बताते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की विकास गाथाओं के दृष्टिकोण से राजनांदगांव जिला एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, “ लखपति दीदी के साहस, परिश्रम दृढ़ निश्चय की प्रशंसा करता हूं। वे रूकेगीं नहीं और लखपति दीदी से करोड़पति दीदी बनेगी।” उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में सशक्त महिलाएं आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से परचम लहरा रही है। पंच और सरपंच बनकर राज्य के विकास में अपना योगदान दे रही है। महिलाएं न केवल घर का नेतृत्व कर रही है, बल्कि प्रशासन में कार्य कर रही है। राजनीतिक परिवर्तन के साथ ही भविष्य के नेतृत्वकर्ता को प्रेरणा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की दृष्टि और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ निश्चय से तथा सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खात्मे की ओर है।

प्रधानमंत्री जनसामान्य के जीवन को उन्नत बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। आपके परिश्रम, दृढ़ निश्चय से 2047 में विकसित छत्तीसगढ़ तथा विकसित भारत बनेगा और विश्व में पहले स्थान प्राप्त करेंगा। उन्होंने कहा, “लखपति दीदी का यह उत्सव महिला स्वसहायता समूह की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है और हमारी लखपति दीदियां संकल्प लेकर चुनौती को अवसर में बदल रही हैं। लखपति दीदी केवल आय का प्रतीक नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता, सम्मान का प्रतीक है।” उपराष्ट्रपति ने प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जरूरतमंद महिलाओं को लखपति दीदी के तौर पर अग्रसर करने तथा सक्षम बनाने के लिए प्रशंसा की और कहा, “ मुख्यमंत्री ने लगभग पांच लाख लखपति दीदी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।


उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उदयाचल संस्थान ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है और संस्थान के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश भर में मोतियाबिंद से मुक्त कराने के लिए तथा नेत्र रोग की चिकित्सा के लिए 130 लाख से भी अधिक ऑपरेशन किए गए है तथा 19 लाख चश्में का वितरण किया गया है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुजुर्ग मोतियाबिंद की बीमारी से मुक्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि एवं प्रयासों से आयुष्मान आरोग्य योजना स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, राज्यपाल रामेन डेका ने कहा कि लखपति दीदी सम्मेलन केवल एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण की एक जीवंत तस्वीर है। यहां उपस्थित हर दीदी इस बात की मिसाल है कि जब संकल्प और सामूहिक प्रयास जुड़ते है तो आत्मनिर्भरता केवल सपना नहीं रहता वह हकीकत बन जाता है।

 

चाहे वह बलरामपुर हो, बस्तर, बिलासपुर या राजनांदगांव हर जगह महिलाओं की सशक्त उपस्थिति से गर्व की अनुभूति हुई। बस्तर क्षेत्र में महिलाओं द्वारा वनोपज से जैविक उत्पाद तैयार कर बाजार तक पहुंचाने का और बलरामपुर में महिला स्वसहायता समूहों ने बाड़ी विकास और स्थानीय उत्पादों के विपणन में उल्लेखनीय कार्य किया है। वहीं कोण्डागांव में वनोपज, बाड़ी विकास, फूड प्रोसेसिंग, सिलाई-कढ़ाई जैसे कार्यों से अपनी आय बढ़ा रही हैं। राजनांदगांव जिले में भी लगभग 40 हजार लखपति दीदियां बनी है। जिसमें से 208 दीदियां सालाना 5 लाख रूपए से अधिक एवं 26 दीदियां सालाना 10 लाख रूपए से अधिक का व्यवसाय कर रही हैं। लखपति दीदियां केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी बदलाव ला रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश में सात लाख 82 हजार लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। अभी तक चार लाख 93 हजार बन चुके हैं। आने वाले समय में प्रदेश 14 लाख 77 हजार लखपति दीदी बन जाएंगी।

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