नवाब मलिक पर कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से
महानगर संवाददाता, मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में बंद अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के पीछे राकांपा खड़ी नजर आ रही है। विपक्षी दल भाजपा ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले दो दिनों से बजट सत्र में हंगामा मचा रखा है, लेकिन राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) का मानना है कि मलिक पर गलत तरीके और राजनीतिक उद्देश्य से कार्रवाई की गई है। उन्होंने नारायण राणे (Narayan Rane) का उदाहरण देते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
हम संघर्ष करते रहेंगे
पुणे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि नवाब मलिक के खिलाफ गलत तरीके और राजनीतिक उद्देश्य से कार्रवाई की गई है। जानबूझकर मलिक और उनके परिवार को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है, हम इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे। नवाब मलिक के गिरफ्तार होने के बाद भाजपा लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है? इस पर उन्होंने उलटा सवाल पूछते हुए कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, इसका मतलब उन्हें निकाला क्यों जाए? पवार ने कहा कि सिंधुदुर्ग के एक पूर्व सहयोगी नारायण राणे को गिरफ्तार किया गया था, उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें पद से हटाने का निर्णय होते नहीं दिखा? रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे आ रहे हैं, शायद वे इस बात का खुलासा करेंगे।
अलग-अलग न्याय क्यों?
पवार ने कहा कि पिछले 20 साल से नवाब मलिक महाराष्ट्र विधानसभा में है। मैंने पहले कभी ऐसा होता नहीं देखा। कोई मुस्लिम कार्यकर्ता दिखाई दिया तो उसे दाऊद इब्राहिम का जोड़ीदार बोला जाता है। बिना कारण के भी ऐसे आरोप लगाए जाते हैं। पवार ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता नहीं है, इसकी वजह यह है कि पहले मुझे पर आरोप लगे। ये लोग इसी तरीके से वातावरण तैयार करने का प्रयास करते हैं, इसलिए चिंता करने की कोई वजह नहीं है। पवार ने कहा कि एक न्याय नारायण राणे के लिए और दूसरा नवाब मलिक के लिए किया जा रहा है। इसका मतलब है कि यह सब राजनीतिक उद्देश्य से किया जा रहा है।
राज्यपाल पर टिप्पणी न करना बेहतर
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) पर टिप्पणी करते हुए पवार ने कहा कि वर्तमान राज्यपाल पर टिप्पणी न करना ही बेहतर होगा। केंद्र सरकार किस स्तर पर नीचे जा रही है, इसका उदाहरण महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। राज्य कैबिनेट को विधानसभा, विधान परिषद में सभासद नियुक्त करने का अधिकार है। एक साल बीत गया, लेकिन 12 विधायकों के मामले में कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। इसका अर्थ इतना ही है कि महाराष्ट्र में जिस पद की गरिमा कई लोगों ने संभाली, उसे कायम नहीं रखने का संकल्प कर कोई काम कर रहा है तो उसे पर टिप्पणी न करना ही ठीक है। पवार ने ताना मारा कि इस पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस पर विचार करना चाहिए। पवार ने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाना सबसे महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल को किया जा रहा टारगेट: फड़नवीस
इधर राज्यपाल का समर्थन करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि जानबूझकर राज्यपाल को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जानबूझकर असंवैधानिक कार्य करना और राज्यपाल के खिलाफ बोलकर एक नेरेटिव तैयार करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति हैं, वे संविधान के अनुसार काम करते हैं, ऐसे में इस प्रकार से उन्हें टार्गेट करना अनुचित है।
अधूरे काम का उद्घाटन करने आ रहे हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पुणे आ रहे हैं। वे मेट्रो रेल का शुभारंभ करेंगे। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री के पुणे दौरे पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, पर पीएम अधूरे काम का उद्घाटन करने आ रहे हैं। अभी पुणे मेट्रो रेल का काम पूरा नहीं हुआ है। वहीं पवार के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि मेट्रो बनाने में पवार को कोई योगदान नहीं है। इस परियोजना से उनका लेशमात्र संबंध नहीं है। इसके बावजूद वे मेट्रो से यात्रा कर आए। मेट्रो का काम पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री के आगमन से पुणे मोदीमय हो गया है, इसलिए वे इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।



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Sat, Mar 05 , 2022, 08:46 AM