नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) में लंबित एक जनहित याचिका को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सोमवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ()की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और पी विल्सन की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किया।
अधिवक्ता सिंघवी (Advocate Singhvi) ने कहा कि नोटिस जारी होने से पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया था। इस पर पीठ ने गौर किया और प्रतिवादियों को औपचारिक रूप से नोटिस जारी किया। यह विवाद तमिलनाडु द्वारा पारित कई विधायी संशोधनों के बाद सामने आया है, जिनके तहत कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल से राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 21 मई को इन संशोधनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। तमिलनाडु सरकार ने उच्च न्यायालय के स्थगन को एक विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। राज्य सरकार अब उच्च न्यायालय में लंबित जनहित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग कर रही है। सरकार का कहना है कि इसी तरह के मुद्दे पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं।
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