भारत ने वायु सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का सफल परीक्षण किया है। यह पूरी तरह से स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली है। IADWS की खासियत यह है कि इसमें सुरक्षा के कई स्तर हैं। भारत द्वारा खुद IADWS विकसित करना न केवल चीन और पाकिस्तान के लिए एक बड़ी खतरे की घंटी है, बल्कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के लिए भी एक बड़ा तमाचा है, जो टैरिफ को लेकर भारत पर निशाना साध रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद को कारण बताते हुए भारत पर 50% टैरिफ लगाया है। भारत रूस से तेल खरीदता है, इसलिए उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे यह अजीब तर्क दिया जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध अभी भी जारी है।
हालाँकि डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाने के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध को कारण बता रहे हैं, लेकिन टैरिफ लगाने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं। एक तो यह कि वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सफलतापूर्वक मध्यस्थता करने का दावा करते हैं। लेकिन भारत उन्हें इसका श्रेय नहीं दे रहा है। इसीलिए वह नाराज़ हो रहे हैं। दूसरी ओर, वह चाहते हैं कि भारत अपना डेयरी बाज़ार खोले। लेकिन चूँकि यह भारत के लाखों किसानों के हित का मामला है, इसलिए मोदी सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। तीसरी बात यह कि वह चाहते हैं कि भारत अमेरिका से F-35 लड़ाकू विमान और प्रीडेटर ड्रोन जैसे महंगे हथियार खरीदे।
IADWS उस दिशा में पहला कदम है
आज भारत ने IADWS का सफल परीक्षण करके उनके तीसरे सवाल का जवाब दे दिया है। IADWS रूसी S-400 की तरह भारत की अपनी वायु रक्षा प्रणाली है। कुछ दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि भारत के सभी महत्वपूर्ण स्थानों को वायु रक्षा प्रणाली से लैस किया जाएगा। तदनुसार, IADWS उस दिशा में पहला कदम है। अगर भारत के पास दुश्मन के लड़ाकू विमानों को मार गिराने के लिए अपने हथियार हैं, तो महंगे F-35, प्रीडेटर ड्रोन रखने का क्या फायदा?
एक सशक्त जवाब
डोनाल्ड ट्रंप भारत पर हावी होने की अमेरिकी मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन आज का भारत 20-30 साल पहले वाला भारत नहीं रहा। ट्रंप को यह बात समझनी चाहिए। आज का भारत अपनी ज़रूरतों के हिसाब से अपनी सुरक्षा के लिए ज़रूरी तकनीक और हथियार बनाने की क्षमता रखता है। डीआरडीओ द्वारा विकसित आईएडीडब्ल्यूएस प्रणाली इसका प्रतीक है। आईएडीडब्ल्यूएस में दुश्मन की मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों को मार गिराने की तकनीक है। भारत ने इसे अपने दम पर विकसित किया है। इसलिए, टैरिफ़ पर धमकाने वाले ट्रंप के लिए यह एक सशक्त जवाब है।
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