इस्लामाबाद: सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को निलंबित करने के भारत के फैसले के बीच चिंतित पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने कहा है कि नए जलाशयों का निर्माण राष्ट्रीय प्राथमिकता है। जल सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए श्री शरीफ ने संघ और प्रांतों दोनों से इस पर मिलकर काम करने का आग्रह किया। समा की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने निर्देश दिया कि गैर-विवादित जलाशयों का निर्माण तेजी से पूरा किया जाना चाहिए साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नए बांध केवल सभी प्रांतों की सहमति से बनाए जाएंगे।
योजना को आगे बढ़ाने के लिए, उप प्रधान मंत्री इशाक डार के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति बांध निर्माण के लिए वित्त पोषण रणनीतियों का मूल्यांकन करेगी और इसमें सभी पांच मुख्यमंत्री तथा संबंधित संघीय मंत्री शामिल होंगे। शरीफ ने समिति को 72 घंटे के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बैठक के दौरान विस्तृत जानकारी में प्रमुख बांध परियोजनाओं पर चल रहे काम का खुलासा किया गया: उत्तर में एक महत्वपूर्ण जलाशय, डायमर-भाषा बांध निर्माणाधीन है और 2032 तक पूरा होने की उम्मीद है। मोहम्मद बांध का निर्माण लगातार जारी है, जिसके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में वर्तमान में 11 प्रमुख बांध हैं, जिनकी भंडारण क्षमता 15.318 मिलियन एकड़ फीट है। इस बीच, सार्वजनिक क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 32 बांध निर्माणाधीन हैं, जबकि वार्षिक विकास कार्यक्रम के तहत 79 और बांध बनाए जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत ने पानी को लेकर धमकियाँ देना जारी रखा है, जिसका पाकिस्तान पूरी ताकत और एकता के साथ सामना करेगा। शरीफ ने कहा “ 240 मिलियन पाकिस्तानियों की पानी की ज़रूरतों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है।” बैठक का समापन पाकिस्तान के हिस्से के पानी की रक्षा करने और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कानूनी, कूटनीतिक और रणनीतिक उपायों सहित एक समन्वित राष्ट्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने के आह्वान के साथ हुआ।
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