ढाका। बंगलादेश की अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद ने देश के आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की अवामी लीग पार्टी (Awami League party) की सभी गतिविधियों पर तब तक प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जब तक कि अपदस्थ पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मुकदमा पूरा नहीं हो जाता। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय सरकार के राजनीतिक सहयोगियों जैसे बीएनपी, बीजेआई, एनसीपी (BNP, BJI, NCP) और इस्लामी दलों द्वारा तीन दिनों के प्रदर्शनों के बाद परिषद की एक विशेष बैठक में लिया गया, जिसमें अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने और पिछले वर्ष जुलाई में हुए विद्रोह (Revolt) के दौरान कथित अत्याचारों के लिए उस पर मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
अंतरिम सरकार की ओर से शनिवार को पार्टी पर प्रतिबंध लगाने संबंधी औपचारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि अवामी लीग पर प्रतिबंध देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने, जुलाई अभियान के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के वादी और गवाहों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। बयान के अनुसार, सलाहकार परिषद ने अगले 30 कार्य दिवसों में जुलाई घोषणा को अंतिम रूप देने और प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। अवामी लीग बंगलादेश का सबसे पुराना राजनीतिक दल है और इसका इतिहास इससे भी पुराना है। भारत के विभाजन के ठीक दो साल बाद 1949 में गठित इस पार्टी की स्थापना देश के दो सबसे मशहूर लोगों अब्दुल हामिद खान भशानी और यार मोहम्मद खान ने की थी।
पार्टी ने पूर्वी पाकिस्तान पर तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान (वर्तमान पाकिस्तान) के आधिपत्य के खिलाफ सक्रिय रूप से आवाज उठाई थी और कई मामलों में इस्लामाबाद द्वारा उसे गंभीर रूप से प्रताड़ित किया गया था। अपने पश्चिमी समकक्ष के साथ बढ़ते मोहभंग के बाद, पार्टी ने 1966 में देश के संस्थापक और पूर्व शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में बंगालियों के लिए एक अलग राष्ट्र के निर्माण की मांग की। इसने बंगाली राष्ट्रवाद का नेतृत्व किया और पूर्वी पाकिस्तान को पश्चिम पाकिस्तान से अलग होने की वकालत की, जिसके परिणामस्वरूप 1970 में मुजीबुर रहमान की गिरफ्तारी हुई और पाकिस्तानी सेना द्वारा कुख्यात ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया गया, जिसमें 30 लाख बंगाली मारे गए और दस लाख से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया।
भारत की मदद से 1971 में अवामी लीग स्वतंत्र बंगलादेश के अपने सपने को साकार किया। देश में मुख्यतः मुस्लिम आबादी के बावजूद, अवामी लीग के सिद्धांतों के तहत, बंगलादेश एक धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी राज्य बना रहा, जिसने बंगाली राष्ट्रवाद को अपनी प्राथमिकता बनाए रखा। भ्रष्टाचार के बावजूद, पार्टी के नेतृत्व में देश एशिया में एक उभरती हुई शक्ति बना। वर्तमान में, राष्ट्र गहराती आर्थिक उथल-पुथल, बढ़ती सामाजिक-राजनीतिक अशांति और इस्लामी चरमपंथ के खतरनाक उदय से जूझ रहा है, जिसे कथित तौर पर मोहम्मद यूनुस का समर्थन प्राप्त है।
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