Pakistan water shortage: चिनाब नदी का प्रवाह रोके जाने से पाकिस्तान में पानी की भारी कमी !

Tue, May 06 , 2025, 06:49 PM

Source : Uni India

इस्लामाबाद। भारत की ओर से पाकिस्तान में चिनाब नदी (Chenab river) का प्रवाह रोके जाने के बाद नदी का जलस्तर कई गुना कम हो गया है, जिससे इस्लामाबाद में पानी की काफी किल्लत हो गयी है। पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम पर आतंकवादी हमले (terrorist attack on Pahalgam) के बाद ‘जल युद्ध’ में शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत ने सोमवार को इस्लामाबाद को सूचित किए बिना जम्मू के बगलिहार और सलाल पनबिजली बांधों के माध्यम से पाकिस्तान में चिनाब नदी का प्रवाह रोक दिया, जिससे पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान में हाहाकार मच गया है।

डॉन ने पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में पंजाब के सियालकोट स्थित मारला हेडवर्क्स में दर्ज चिनाब का जलस्तर रविवार को 35,000 क्यूसेक से घटकर सोमवार सुबह लगभग 3,100 क्यूसेक रह गया, जो 11 गुना से अधिक की कमी दर्शाता है। पंजाब सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी पुष्टि की और कहा, “रविवार को निर्णय लेने के बाद उन्होंने (भारतीय अधिकारियों ने) चिनाब नदी के बहाव को पाकिस्तान की ओर लगभग रोक दिया है।” अधिकारी ने खेद जताते हुए कहा, “वर्तमान में वे चिनाब बेसिन में अपने बांधों/जलविद्युत परियोजनाओं को भरने के लिए हमारे पानी का उपयोग कर रहे हैं। वे ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि यह सिंधु जल संधि का गंभीर उल्लंघन है।”

पाकिस्तान चिनाब बेसिन में भारत के तीन जलविद्युत बांधों (बगलिहार, सलाल और पाकल बांध) द्वारा भविष्य में किसी भी संभावित प्रवाह को लेकर चिंतित है, क्योंकि वे अचानक बाढ़ का कारण बन सकते हैं और स्थानीय आबादी को खतरे में डाल सकते हैं। अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, “सलाल बांध से मारला बैराज (पाकिस्तान में) 76 किमी दूर स्थित है। प्रवाह में भारी कमी का मुख्य कारण इन बांधों का भरना है, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 12 लाख एकड़ फुट से अधिक है और अगर भारत अपने बांधों को भरता रहा और पानी छोड़ना बंद कर दिया, तो वह हमें चार से पांच दिनों तक पानी के बिना रहने पर मजबूर कर सकता है।”

जल अधिकारी ने बताया कि मारला की क्षमता 11 लाख क्यूसेक है, जबकि चिनाब बेसिन में भारत के बांधों की कुल भंडारण क्षमता 1.3 करोड़ एकड़ फुट से अधिक है। अधिकारी ने कहा, “हालांकि, जम्मू-तवी और मुनव्वर-तवी वितरिकाओं से नदी में पाकिस्तान को पानी के प्रवाह पर उनका नियंत्रण नहीं है।” इस बीच भारत ने दो पनबिजली परियोजनाओं में अपनी जलाशय धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप आरंभ में तलछट युक्त पानी जलाशयों से नीचे की ओर छोड़ा जाता है, जिससे संभावित रूप से अचानक जलप्लावन हो सकता है, तथा इसके बाद जलाशयों के पुनः भरने पर पानी का प्रवाह कम हो जाता है। इस प्रक्रिया से पाकिस्तान को तत्काल कोई खतरा नहीं है, लेकिन अतिरिक्त भारतीय बांधों की इस तरह की गतिविधियों से भविष्य में उसकी जलविद्युत और सिंचाई में भारी बाधा उत्पन्न हो सकती है।

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