बर्लिन। जर्मनी की कैबिनेट (Germany's cabinet) ने सैन्य स्थलों या अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के पास देखे गए संदिग्ध ड्रोनों (suspicious drones) को मार गिराने का सेना को अधिकार देने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गयी है। बीबीसी ने गृह मंत्री नैन्सी फेसर (Home Minister Nancy Feser) के एक बयान के हवाले से बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक युद्ध के बाद से देखा गया है कि ड्रोन का उपयोग बहुत बार किया जा रहा है, जो पुलिस और उनकी वर्तमान तकनीक के लिए एक बढ़ती चुनौती है।
रूस पर यूक्रेन का समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों के खिलाफ छाया युद्ध शुरू करने का संदेह है, हालांकि रूस इस आरोप से इनकार करता है। इसमें अंतरराष्ट्रीय विमानों को विस्फोट कर उड़ाने, बुनियादी ढांचे पर हमला करने या लोकतांत्रिक चुनावों में हस्तक्षेप करने के कथित प्रयास शामिल हैं। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने बुधवार को कहा, “मैं केवल इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि रूस ने न केवल पोलैंड के खिलाफ बल्कि दुनिया भर की एयरलाइसं के खिलाफ हवाई आतंकी कृत्यों की योजना बनाई है।”
उन्होंने इस योजना का कोई विवरण नहीं दिया, लेकिन उनका बयान न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट की पुष्टि करता प्रतीत हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कथित योजनाओं को लेकर श्री पुतिन को चेतावनी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में सैन्य ठिकानों पर अज्ञात ड्रोन उड़ने के कई मामले सामने आए हैं। जर्मन पुलिस ने बताया कि रविवार शाम को कम से कम 10 ऐसे ड्रोन इंगोलस्टेड शहर के पास मैनचिंग एयर बेस के ऊपर उड़ते देखे गए थे। मैनचिंग और पास के न्यूबर्ग एन डेर डोनाउ में पिछले महीने ड्रोन देखे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन को रामस्टीन में अमेरिकी हवाई अड्डे और उत्तरी सागर में इसके पास एक औद्योगिक क्षेत्र में भी देखा गया था।
गृह मंत्री फेसर ने अपने बयान में कहा, “जासूसी या तोड़फोड़ को नियमित रूप से संभावित कारण माना जाता है।” रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा नियमों के तहत जर्मन सेना केवल ड्रोन को दूर जाने या उतरने के लिए मजबूर करने में पुलिस की मदद कर सकती है, साथ ही ऐसा करने के लिए चेतावनी शॉट भी फायर कर सकती है।
नए प्रस्तावों के तहत सैनिक ड्रोन को मार गिरा सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि लोगों के जीवन के खिलाफ या किसी महत्वपूर्ण सुविधा के खिलाफ खतरे से निपटने का यही एकमात्र तरीका है, हालांकि इस प्रस्ताव को अभी तक संसदीय मंजूरी नहीं मिली है।
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Thu, Jan 16 , 2025, 04:22 PM