नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) गरीब तथा सभी मुसलमानों के हित को ध्यान में रखकर लाया गया है और इस विधेयक के कानून बनने से वक्फ की अरबों की संपत्ति (billions of Waqf property) का दुरुपयोग रुकेगा और गरीब मुसलमानों को इसका लाभ मिल सकेगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजु (Minority Welfare Minister Kiren Rijiju) ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश करते हुए कहा कि इसको लेकर विपक्ष के सदस्य जो विरोध कर रहे हैं वह राजनीतिक दबाव में हो रहा है लेकिन सच यह है कि यह विधेयक सबके हित में है और इससे वक्फ संपत्ति में गरीब मुसलमानों का हित साधा जा सकेगा। विधेयक में किए प्रावधान से संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है और इसमें किसी का हक नहीं छीना जा रहा है। इसमें जिनको हक नहीं दिया गया है उन्हें हक दिया गया है। विधेयक में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के लिए महिलाओं की सदस्यता को अनिवार्य किया गया है और इसमें हर मुस्लिम वर्ग की महिलाएं शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहली बार यह विधेयक नहीं लाई है। सरकार 1995 में जो वक्फ विधेयक लेकर आई थी वह कानून अपने मकसद में सफल नहीं रहा है। विधेयक जिस उद्देश्य के लिए लाया गया था उसमें पूरी तरह से विफल रहा है। उन्होंने कहा कि नया बिल बहुत विचार कर लाया गया है और इस बिल का सभी को समर्थन करना चाहिए क्योंकि करोड़ों लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। इस बिल का विरोध करने से पहले करोड़ों गरीब मुसलमानों के बारे में सोचिए तब इसका विरोध कीजिए। इस मुद्दे पर कई कमेटियां बनी थी इसको लेकर वक्फ इक्वरी रिपोर्ट पेश की गई थी। सारी वक्फ संपत्ति को व्यवस्थित करने की जरूरत है। इसके लिए एक न्यायाधिकरण हो तथा आडिट और एकाउँट की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ पर दो कमेटी कांग्रेस के समय में बनी थी। सच्चर समिति ने कहा कि जितना वक्फ बोर्ड की संपत्ति है इससे बहुत कम पैसा आ रहा है यह गलत है और अगर सही तरीके से इस संपत्ति का संचालन ठीक हो तो 12 हजार करोड सालाना मिल सकता है। सच्चर कमेटी ने कहा कि वक्फ बोर्ड में विशेषजों को लाने की जरूरत है और उसके पैसे का राजस्व का रिकार्ड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नये कानून में पूरी तकनीकी का इस्तेमाल कर विधेयक को लाया गया है और वक्फ संपत्ति सबकी संपत्ति बने और उसका दुरुपयोग नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखते हुए विधेयक लाया गया है। नये बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया है और मुसलमानों में सभी वर्गों को इसमें रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पहले के कानून में यह प्रावधान था कि यदि आपने अपनी जमीन के लिए हक की बात नहीं की तो उस जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। यदि किसी ने कह दिया कि किसी जमीन को लेकर यह कहा जाता कि इस जमीन पर किसी के परिजनों ने नमाज पढी है तो वह जमीन वक्फ बोर्ड 1995 के कानून के तहत अपने कब्जे में ले लेता था और यह इस कानून की बहुत बड़ी खामी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार यह संशोधन विधेयक लेकर अचानक नहीं आई है। मुसलमानों के सभी वर्गों से इस बारे में विचार किया गया है और संसद के कई सदस्य निजी स्तर पर मानते हैँ कि इस विधेयक के लाने से वक्फ का भ्रष्टाचार रुकेगा। वक्फ बोर्ड की समस्याओं पर व्यापक स्तर पर विचार विमर्श हुआ है और उसके बाद विधेयक तैयार किया गया है। हर राज्य से शिया सुन्नी अहमदिया तथा अन्य मुसलमानों के लोगों के साथ विचार कर यह विधेयक लाया गया है।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की हालात यह है कि तमिलनाडु के एक गांव का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है लेकिन बोर्ड ने पूरे गांव को ही वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया और गांव के लोग अपने पूर्वजों की जमीन से बेदखल हो गये। उनका कहना था कि सवाल किसी धर्म विशेष का नहीं है बल्कि यह गलत को सही करने का कानूनी प्रयास है और इस विधेयक के पारित होने से इस तरह के अन्याय को रोका जा सकेगा। कर्नाटक वक्फ बोर्ड का उदाहरण देते हुए उनहोंने कहा कि वहां करोड़ों की संपत्ति को वाणिज्यिक काम के लिए बदल दिया है। इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है।
श्री रिजिजु ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था। वह मुसलमान हो या गैर मुसलमान हो वह किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकता था और यह बहुत खतरनाक स्थिति थी जिसे बदलने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि 90 हजार से ज्यादा मामले वक्फ बोर्ड में लम्बित पड़े हैं और इन सब विसमताओं को देखते हुए और लोगों को न्याय देने के लिए यह विधेयक लाया गया है। नये विधेयक में छह माह में मामले के निस्तारण का समय तय किया गया है।
इससे पहले विधेयक पेश किये जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने देश में संविधान के संकट होने का भ्रम फैलाकर लोकसभा का चुनाव जीता है और अब इस विधेयक को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि यह कानून धर्म और आस्था से जुडा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।



Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Thu, Aug 08 , 2024, 03:30 AM