टीईटी परीक्षा: घर से डेढ़ करोड़ कैश और डेढ़ किलो सोना बरामद
महानगर संवाददाता
मुंबई। स्वास्थ्य विभाग में भर्ती, म्हाडा और शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में हुए घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र राज्य शिक्षा परिषद के आयुक्त तुकाराम सुपे वाकई में धनकुबेर निकले उनके घर से पुणे पुलिस की छापेमारी में डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा के कैश और डेढ़ किलो सोना सीज किया गया है।
टीईटी परीक्षा में 800 उम्मीदवारों के नंबर बढ़वाने के लिए तुकाराम सुपे और शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार अभिषेक सावरीकर को 4 करोड़ 20 लाख रुपए दिए जाने की जानकारी पुलिस को मिली थी। इनमें से 1 करोड़ 70 लाख रुपए तुकाराम सुपे को मिले थे। सुपे को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा।
छापेमारी में मिला कैश और सोने का खजाना
पहली छापेमारी में पुलिस ने 88 लाख 49 हजार रुपए कैश, पांच ग्राम के सोने के सिक्के, पाच तोले सोने के गहने, साढ़े पांच लाख रुपए की फिक्स्ड डिपोजिट के कागजात जब्त किए थे। इस तरह से कुल 96 लाख रुपए की कीमत के कैश और गहने बरामद किए गए थे। पुलिस रेड से पहले ही सुपे की पत्नी और साले ने कुछ रकम कहीं और छुपाई थी। पुलिस ने दूसरी बार छापेमारी की और एक करोड़ 58 लाख का कैश और डेढ़ किलो सोना बरामद कर लिया। यह सुपे की बेटी और दामाद के पास से बरामद किया गया। 44 अलग-अलग तरह के गहने बरामद किए गए हैं। आरोपी के पास से कैश से भरे दो बैग में से एक बैग बेटी के पास छुपा कर रखा गया था। दूसरा बैग दामाद के दोस्त के पास रखा गया था। यह तब पता चला जब पुलिस ने सुपे के दामाद नितिन पाटील और बेटी कोमल पाटील से पूछताछ की। नितिन पाटील ने पूछताछ में बताया कि दूसरा बैग उसके दोस्त बिपिन के फ्लैट में रखा गया है। कैश से भरे दो बैग के साथ एक सूटकेस भी बरामद हुआ। इनमें रखे पैसों की गिनती की गई तो कुल रकम 1 करोड़ 58 लाख 35 हजार 10 रुपए बरामद हुए। बैग के साथ सूटकेस के अलावा प्लास्टिक के एक बैग में गहनों के 44 डिब्ब मिले। पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने इस छापेमारी के बारे में जानकारी दी है। इस मामले में कई जगहों पर छापेमारी की गई है। फिलहाल पुलिस की जांच प्रश्न पत्र लीक होने के मामले तक ही सीमित है। अलग-अलग जानकारियों के आधार पर जांच शुरू है।
जांच के लिए बनी कमेटी
वर्ष 2019-20 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अनियमितता के मामले की जांच के लिए स्कूली शिक्षा व क्रीडा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति में शिक्षा आयुक्त (पुणे), शिक्षा निदेशक (प्राथमिक) पुणे, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) पुणे, निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय) मुंबई भी रहेंगे। महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद, पुणे के अध्यक्ष समिति के सदस्य सचिव रहेंगे। समिति सात दिनों में प्राथमिक रिपोर्ट और 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट स्कूली शिक्षा मंत्री को सौंपेगी। टीईटी परीक्षा में अनियमितता के साथ समिति जीए सॉफ्टवेयर के काम में गड़बड़ी की भी जांच करेगी।
फड़नवीस ने की सीबीआई जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस का कहना है कि स्वास्थ्य, म्हाडा, पुलिस और टीईटी जैसे सभी भर्ती घोटाले एक ही श्रृंखला की कड़ी लगती है, ऐसे में सभी घोटाले की एक दूसरे से मिलने वाली कड़ियों को देखते हुए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। फड़नवीस ने ट्वीट में कहा कि उन्होंने कहा कि टीईटी घोटाला प्रकरण में तुकाराम सुपे के पास से 88 लाख रुपए मिलने के बाद और 2 करोड़ रुपए नकद और सोना मिला है। जीए सॉफ्वेयर के संचालक डॉ प्रीतिश देशमुख के पास पुलिस को भर्ती परीक्षा के पहचान पत्र मिले हैं। ऐसे में सभी भर्ती घोटाले एक ही श्रृंखला की कड़ी लगती है। ऐसे में इस संपूर्ण घोटाले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए।
पाटिल ने सरकार पर निशाना साधा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी इस मामले में महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ परीक्षा में गड़बड़ी कर और दूसरी तरफ करोड़ों रुपए की संपत्ति जमा करना, यह महाविकास आघाड़ी के तुकाराम सुपे पर वरदहस्त होने के बिना संभव नहीं है। लाखों बच्चों के जीवन से खेलने में तुम्हें शर्म नहीं आई। पाटिल ने कहा कि परीक्षा रद्द होने से छात्र आत्महत्या कर रहे हैं और ये लुटेरे लोग सत्ताधारियों से मिलकर अपने जेब भर भाग गए। इस संपूर्ण मामले की जांच होनी चाहिए।



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Mon, Dec 20 , 2021, 09:36 AM