छपरा, 19 मई (वार्ता)। बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा की चुनौती को स्वीकार करते हुये पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (Former Prime Minister Chandrashekhar) ने चितौड़गढ़ (chittorgarh) कहे जाने वाले महाराजगंज संसदीय सीट (Maharajganj parliamentary seat) पर विजयी पताका लहराया था।
राजपूतों की अधिक संख्या के कारण महाराजगंज को औरंगाबाद के बाद बिहार का दूसरा चित्तौड़गढ़ कहा जाता है। यहां लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में राजपूत प्रत्याशियों का ही सिक्का चलता है।
एक बार बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने कहा था कि चंद्रशेखर यदि इतने बड़े नेता हैं तो बिहार से चुनाव लड़ कर देख लें। चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश के बलिया से चुनाव लड़ा करते थे। उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेकर महाराजगंज से चुनाव लड़ा था। वर्ष 1989 के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर अपनी परम्परागत सीट बलिया के अलावा महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे थे, जहां से उन्हें इस क्षेत्र की जनता ने विजयी बनाया था।
महाराजगंज संसदीय सीट पर हुये चुनाव में जनता दल प्रत्याशी चंद्रेशेखर ने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा प्रताप को मात दी थी। वहीं, बलिया सीट पर हुये चुनाव में चंद्रशेखर ने कांग्रेस प्रत्याशी जगन्नाथ चौबे को शिकस्त दी। चंद्रशेखर ने बलिया और महाराजगंज में से बलिया सीट को अपने पास रखा था। चंद्रेशेखर के महाराजगंज सीट छोड़े जाने के बाद इस सीट पर हुये उपचुनाव में चंद्रेशखर सिंह ने अपनी पार्टी से राम बहादुर सिंह को चुनाव लड़ाया था।राम बहादुर सिंह इस चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री बने थे।
महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के वर्ष 1957 में पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्रनाथ सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 1962 में कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णकांत सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 1967 में देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पुत्र मृत्युंजय प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुये। वर्ष 1971 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी उम्मीदवार रामदेव सिंह ने जीत हासिल की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) प्रत्याशी इंद्रदीप सिंह दूसरे जबकि पूर्व मुख्यमंत्री निर्दलीय प्रत्याशी महामाया प्रसाद सिन्हा तीसरे नंबर पर रहे। वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल के रामदेव सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 1980 में इंदिरा कांग्रेस के कृष्ण प्रताप सिंह सांसद बने। वर्ष 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह फिर सांसद बने। वर्ष 1989 में चंद्रशेखर सांसद बने। चंद्रेशेखर के महाराजगंज से इस्तीफा देने के बाद हुये उपचुनाव में रामबहादुर सिंह विजयी हुये। वर्ष 1991 में जनता दल प्रत्याशी गिरिजा देवी, वर्ष 1996 में समाजवादी जनता पार्टी के रामबहादुर सिंह संसद पहुंचे। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने वर्ष 1998 में समता पार्टी और वर्ष 1999 और 2004 में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट पर जीत हासिल की। वर्ष 2009 में राजद से उमाशंकर सिंह ने जदयू के प्रभुनाथ सिंह को मात दे दी। उमांशंकर सिंह के निधन के बाद वर्ष 2013 में हुये उपचुनाव में राजद के प्रभुनाथ सिंह फिर सांसद बने। वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने राजद के प्रभुनाथ सिंह को मात दे दी। वर्ष 2019 में भाजपा के जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने पूर्व सासंद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र राजद प्रत्याशी रणधीर सिंह को पराजित किया। बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवार लालू प्रसाद यादव के साला अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव तीसरे नंबर पर रहे।
सारण जिले के महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में छ्ठे चरण में आगामी 25 मई को मतदान होगा।इस चुनाव पांच प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर पार्टी के प्रदेश प्रदेश अखिलेश कुमार सिंह के पुत्र आकाश कुमार सिंह, भाजपा से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से मधुसुदन सिंह,आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम लीग से अखिलेश्वर प्रसाद सिंह तथा पीपल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से त्रिभुवन राम चुनाव लड़ रहे हैं।महाराजगंज संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ज्यादातर राजपूत जाति के प्रत्याशी के द्वारा ही किया जाता रहा है। हालांकि एक दो बार इस क्षेत्र से भूमिहार जाति के प्रत्याशी भी चुनाव जीत चुके हैं, जिसमें स्व रामदेव सिंह,गिरिजा देवी का नाम प्रमुख है।इस क्षेत्र में कुल मतदाता की संख्या 19 लाख 34 हजार 937 है, जिसमें पुरूष मतदाता 10 लाख 08 हजार 509, महिला मतदाता 09 लाख 26 हजार 424 तथा 04 अन्य है।
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल वर्ष 2014 तथा 2019 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। उनके द्वारा इस क्षेत्र से तीसरी बार सांसद बनने के लिए लगातार क्षेत्र में आम मतदाताओं से मिलकर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की जा रही है। जनार्दन सिंह सिग्रीवाल आम मतदाताओं को अपने द्वारा पिछले 10 वर्ष में इस क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए यह कह रहे हैं कि उनके सांसद बनने के बाद महाराजगंज - मशरक रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। वहीं महाराजगंज में मालगोदाम बनने से इस क्षेत्र के व्यवसाई को काफी लाभ मिला है। संसदीय क्षेत्र के एकमा और मशरक स्टेशन को रेलवे के द्वारा प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना में शामिल कराने के लिए उनके द्वारा जो कार्य किया गया।उसकी भी जानकारी वे आम मतदाताओं को दे रहे हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के पक्ष में आगामी 21 मई को की जा सकती है।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आकाश कुमार सिंह भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर आम मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। आकाश कुमार सिंह के पक्ष में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भी इस संसदीय क्षेत्र में सभा कर चुकी हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी इस क्षेत्र में आकाश कुमार सिंह के लिए सभा को संबोधित कर सकती हैं।
इस संसदीय क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी मधुसुदन सिंह,आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम लीग प्रत्याशी अखिलेश्वर प्रसाद सिंह तथा पीपल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) प्रत्याशी त्रिभुवन राम भी मतदाताओ से मिल कर अपने पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र के बनियापुर विधानसभा क्षेत्र, एकमा विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल, तरैया तथा गोरियाकोठी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी, मांझी विधानसभा क्षेत्र से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। ये सभी विधायक भी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में गोलबंद करने में जुटे हुए हैं।हालांकि भूमिहार वर्ग से आने वाले निकाय चुनाव से विधान पार्षद चुने गए सच्चिदानन्द राय के द्वारा 13 मई को सारण संसदीय क्षेत्र में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के कारण उनके समर्थक भूमिहार जाति के मतदाता अब महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं। वहीं इस संसदीय क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रंधीर सिंह के द्वारा जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ग्रहण किए जाने के साथ ही प्रभुनाथ सिंह और रंधीर सिंह से जुड़े राजपूत मतदाता भी अब भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं। यह चुनाव राजग और इंडिया गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। महारागंजगंज सीट पर चुनाव लड़ रहे पांच ‘महाराथी’ में से कौन अपना ‘दम ’दिखायेगा, इसका फैसला चुनाव के बाद आगामी 04 जून को मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा।



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Sun, May 19 , 2024, 01:01 AM