त्रिपुरा पूर्व लोस सीट के नौ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे 13.96 लाख से अधिक मतदाता

Thu, Apr 25, 2024, 02:33

Source : Uni India

अगरतला। त्रिपुरा पूर्व (Tripura East) संसदीय सीट (parliamentary seat) के लिए शुक्रवार को 1,664 मतदान केंद्रों (polling stations) पर चुनाव होने की तैयारी है, जहां 6,94,237 महिलाओं और 14 उभयलिंगी सहित कुल 13,96,761 मतदाता चुनावी मैदान में उतरे नौ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (Marxist) के वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व विधायक राजेंद्र रिआंग (MLA Rajendra Reang) इंडिया समूह के उम्मीदवार के तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार कृति सिंह देबबर्मन के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। इनके अलावा सात और निदर्लीय उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। त्रिपुरा पूर्व लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में 30 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 

त्रिपुरा पूर्व में धलाई, उत्तरी त्रिपुरा, उनाकोटी, खोवाई और दक्षिण त्रिपुरा की चार विधानसभाओं और गोमती जिलों की तीन विधानसभाओं से 49 प्रतिशत आदिवासी मतदाता हैं। इन मतदाताओं में से कम से कम 4,678 सेवा मतदाता, 85 वर्ष से अधिक उम्र के 8,942 मतदाता और 11,012 दिव्यांग मतदाता हैं।
निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्वक चुनाव कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों सहित पुलिस बल की 85 से अधिक कंपनियों और लगभग 20,000 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है।

चुनाव आयोग ने 61 मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किए, जिनमें 67 महिलाओं द्वारा प्रबंधित किए गए, 30-30 केंद्रों का प्रबंधन दिव्यांग और युवाओं द्वारा किया गया है। अब तक, त्रिपुरा पूर्व संसदीय क्षेत्र में 17,524 ब्रू मतदाता को पुनर्स्थापित किया गया है, जो 18 स्थानों पर अपना वोट डालेंगे। त्रिपुरा पूर्व में भारत-बंगलादेश सीमा के साथ राज्य के पूर्वी हिस्से में रणनीतिक रूप से दुर्गम स्थानों पर 30 से अधिक मतदान केंद्र स्थित हैं।

चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में जुटे एक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा “ बंगलादेश से सटी सीमा के निकट कुछ बूथ बेहद संवेदनशील हैं और यहां आपराधिक तत्वों पर शिकंजा कसने के लिए सभी जरूरी उपाय किये गये हैं।” पिछले लोक सभा चुनाव में रेबती त्रिपुरा ने माकपा के जितेंद्र चौधरी को 4,82,126 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट जीती थी जो पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक और पार्टी के राज्य सचिव बने थे, लेकिन भाजपा ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया है, उनकी जगह कृति सिंह देबबर्मन को मैदान में उतारा है जिनका राज्य में कोई आधार नहीं है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि इस सीट को किसी कीमत पर भी न खाेने की पार्टी के कवायद के तहत ही एक असाधारण फैसले के रूप में निवर्तमान विधायक के स्थान पर विपक्षी दल टिपरामोथा से हाथ मिलाकर भाजपा ने यह सीट एक बाहरी के लिए छोड़ दी।

टिपरामोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देबबर्मन ने राज्य के आदिवासी मतदाताओं को प्रभावित किया है, जिसके लिए भाजपा ने उनके दबाव में उनकी बड़ी बहन कृति को पार्टी का उम्मीदवार बनाया। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “प्रद्योत वास्तव में, अपने फायदे के लिए आदिवासियों की भावनाओं से खेल रहे हैं।” पिछले चुनाव में वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे और उन्होंने अपनी दूसरी बहन प्रज्ञा देबबर्मन को इस सीट से उम्मीदवार बनाया था और इस बार कृति को छत्तीसगढ़ से लाकर भी ऐसा ही किया।

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