पटना. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) में नवादा संसदीय सीट (Nawada parliamentary seat) से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ‘चुनावी चौका’ लगाने की कोशिश में है वहीं उनके सामने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) उम्मीदवार पूर्व विधायक श्रवण कुश्वाहा फिर से इस सीट पर अपनी पार्टी का परचम लहराने के लिये बेकरार हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट से राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर चंदन सिंह चुनावी मैदान में उतरे थे। चंदन सिंह ने महागठबंधन में शामिल (राजद) प्रत्याशी और पूर्व बाहुबली विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को पराजित किया था। इस बार के चुनाव में राजग में सीटो में तालमेल के तहत लोजपा के कोटे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिस्से में आई नवादा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी.ठाकुर के पुत्र और राज्यसभा सासंद विवेक ठाकुर उम्मीदवार हैं। विवेक ठाकुर पहली बार लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चंदन सिंह इस बार नवादा में होने वाले चुनाव से बाहर हो गये हैं।
वहीं इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडी गठबंधन) में शमिल राजद ने श्रवण कुश्वाहा को उम्मीदवार बनाया है।श्रवण कुशवाहा पूर्व में गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र और साथ ही स्थानीय निकाय क्षेत्र से विधान परिषद का भी चुनाव लड़ चुके हैं। श्रवण कुश्वाहा भी लोकसभा चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमाएंगे। वहीं नवादा लोकसभा सीट के लिए श्रवण कुशवाहा को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद राजद नेता और पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने नाराज होकर राजद के सभी पद से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नवादा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।विनोद यादव पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के छोटे भाई हैं और नवादा की वर्तमान विधायक विभा देवी के देवर हैं। भोजपुरी सिनेमा के जानेमाने अभिनेता-गायक गुंजन सिंह नवादा संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाने में लगे हैं।
नवादा संसदीय सीट पर भी राजग और और (इंडी गठबंधन) के बीच टक्कर की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन नवादा की सियासत में दमदार उपस्थिति रखने वाले पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव एवं भोजपुरी अभिनेता-गायक गुंजन सिंह की एंट्री ने मुक़ाबले को रोचक बना दिया है। इस बीच इंडी गठबंधन उम्मीदवार श्रवण कुश्वाहा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।राजद विधायक विभा देवी और रजौली के राजद विधायक प्रकाशवीर ने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ लोकसभा चुनाव में बिगुल फूंक दिया है। दोनो विधायक राजद के प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी विनोद यादव के समर्थन में उतर आये हैं।
नवादा संसदीय सीट पर वर्ष 1957 में हुये दूसरे लोकसभा चुनाव में अस्तित्व में आया। नवादा सीट से कांग्रेस की सत्यभामा देवी और रामधनी प्रसाद ने जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 1962 में हुये चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रामधनी प्रसाद को जीत मिली। वर्ष 1967 में हुये चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बुधौल के महंत सूर्य प्रकाश नारायण पुरी ने कांग्रेस प्रत्याशी जी.पी.सिन्हा को पराजित किया। वर्ष 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की। कांग्रेस उम्मीदवार सुखदेव प्रसाद वर्मा ने चुनाव जीता। वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुये चुनाव में भारतीय लोक दल (बीएलडी) उम्मीदवार नथुनी राम ने जीत का परचम लहराया।उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी महाबीर चौधरी को पराजित कर कांग्रेस से सीट छीन ली। वर्ष 1980 में कांग्रेस फिर नवादा की सत्ता में आयी। कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर राम ने माकपा प्रत्याशी प्रेम प्रदीप को पराजित कर दिया। वर्ष 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस के कुंवर राम विजयी रहे। कुंवर राम ने फिर माकपा प्रत्याशी प्रदीप प्रदीप को मात दी। वर्ष 1989 के चुनाव में माकपा के कुंवर राम ने जीत अपने नाम कर ली। कुंवंर राम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार कामेश्वर पासवान को शिकस्त दे दी। कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर राम तीसरे नंबर पर रहे।
वर्ष 1991 के चुनाव में माकपा प्रत्याशी प्रेमचंद राम ने चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार महाबीर चौधरी को पराजित किया।भाजपा के सत्येन्द्र नारायाण आर्या तीसरे नंबर पर रहे। वर्ष 1996 के चुनाव में भाजपा के कामेश्वर पासवान ने माकपा के प्रेमचंद राम को मात दी और पार्टी का ‘कमल’ पहली बार यहां खिलाया। निर्दलीय प्रत्याशी मालती देवी तीसरे नंबर पर रही। वर्ष 1998 के चुनाव में मालती देवी ने जीत का सेहरा अपने नाम कर लिया। राजद प्रत्याशी मालती देवी भाजपा प्रत्याशी कामेश्वर पासवान को शिकस्त दे दी। वर्ष 1999 में भाजपा के संजय पासवान ने राजद के विजय कुमार चौधरी को पराजित किया।वर्ष 2004 में राजद के वीरचंद्र पासवान ने जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के संजय पासवान को पराजित कर दिया। वर्ष 2009: में भाजपा के भोला सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रत्याशी वीणा देवी को पराजित किया। इस चुनाव में लोजपा, राजग गठबंधन में नहीं बल्कि चौथे मोर्चे में राजद के साथ थी।
वर्ष 2014 में भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने जीत हासिल की। भाजपा नेता गिरीराज सिंह ने राजद प्रत्याशी राजवल्ल्भ यादव को पराजित किया था। वर्ष 2019 में राजग में शामिल लोजपा प्रत्याशी चंदन सिंह ने चुनाव जीता। नवादा लोकसभा सीट पर लगाताार तीन बार से राजग का दबदबा रहा है। वर्ष 2008 में हुए परिसीमन से पहले नवादा संसदीय सीट ज्यादातर समय सुरक्षित रही है। वर्ष 2009 के चुनाव से पहले इसे सामान्य सीट में बदल दिया गया। अनारक्षित सीट होने के बाद नवादा में 2009, 2014 और 2019 में तीन चुनाव हो चुके हैं और तीनों बार ही नवादा में राजग प्रत्याशी ने अपने-अपने प्रतिद्वन्द्वियों को धूल चटाई है। इस बार के चुनाव में राजग नवादा सीट पर चुनावी चौका लगाने की फिराक में हैं, वहीं राजद फिर से सियासी पिच पर जीत की पुरजोर कोशिश कर रहा है। राजद ने नवादा सीट पर वर्ष 1998 और वर्ष 2004 में कामयाबी का परचम लहराया है।
नवादा सीट पर होने वाला चुनाव भाजपा और राजद दोनों पार्टी क़े उम्मीदवारों क़े लिए काफी संघर्षपूर्ण और दिलचस्प होते जा रहा है। यदि चुनावी नजरिए से नवादा को देखा जाए तो इस इलाके में अब तक हुये लोकसभा चुनाव में नवादा से बाहरी प्रत्याशी ही निर्वाचित हुए हैं।भाजपा उम्मीदवार विवेक ठाकुर के विरुद्ध ,जहां स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा हावी है।इस बार भी नहीं चाहिए बाहरी दूत हमें चाहिए घर का पूत" नारे क़े बावजूद भाजपा ने नवादा से बाहरी उम्मीदवार विवेक ठाकुर को उतारा है।वहीं राजद उम्मीदवार को अपने हीं पार्टी नेताओं की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। निर्दलीय गुंजन सिंह और विनोद यादव मुकाबले को बहुकोणीय बनाने के प्रयास में जुटे हैं। नवादा लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें नवादा जिले से नवादा, हिसुआ, वारिसलीगंज, गोविंदपुर एव रजौली, जबकि शेखपुरा जिले से बरबीघा विधानसभा सीट शामिल है।रजौली (सु) में राजद, हिसुआ में कांग्रेस, नवादा में राजद, गोविंदपुर में राजद और वारसिलीगंज में भाजपा का कब्जा है। वहीं बरबीघा में जदयू का कब्जा है।
नवादा लोकसभा सीट को यदि दल के आधार पर देखा जाए, तो अबतक हुये चुनावो में से पांच बार कांग्रेस और चार बार भाजपा,दो-दो बार राजद और माकपा जबकि एक-एक बार लोजपा ,बीएलडी और निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं। इस सीट से दोर बार महिला उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है। पहली बार 1957 में कांग्रेस की सत्यभामा देवी और दूसरी बार 1998 में राजद की मालती देवी ने जीत दर्ज की।
लोकसभा चुनाव 2024 में नवादा संसदीय क्षेत्र से भाजपा,राजद, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भाजपा और राजद दोनों ही दलों द्वारा यह कोशिश की जा रही है अपने कद्दावर नेता का दौरा करा कर माहौल को अपने पक्ष में बना लिया जाए। अभी हाल ही में में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार विवेक ठाकुर के पक्ष में चुनावी सभा की है।नवादा में मतदाताओं की कुल संख्याा 20 लाख 06 हजार 124 है, जिसमें 10 लाख 43 हजार 788 पुरुष मतदाता और महिला मतदाताओं की संख्या 09 लाख 02हजार 186 है। इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 150 मतदाता हैं,जो 19 अप्रैल को इन आठ उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर देंगे।



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Wed, Apr 10 , 2024, 12:36 PM