चेन्नई. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और राजभवन के बीच विवाद का एक और दौर शुरू होते हुए राज्यपाल आर.एन. रवि (Governor R.N. Ravi) ने वरिष्ठ द्रमुक नेता और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी (K. Ponmudi) को आय से अधिक मामले में मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) द्वारा दोषी ठहराए जाने और तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद भी मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने उच्च न्यायालय (High Court) के फैसले पर रोक लगा दी थी।
मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन (MK Stalin) की ओर से पोनमुडी को मंत्रिपरिषद में फिर से शामिल करने के अनुरोध पर राज्यपाल के इनकार पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोमवार को राज्यपाल के कृत्य को अदालत की अवमानना करार दिया और उन्हें हटाने की मांग की। वरिष्ठ वकील और द्रमुक के राज्यसभा सांसद पी. विल्सन ने कहा कि पोनमुडी को कैबिनेट में दोबारा शामिल करने से इनकार करने वाले राज्यपाल के फैसले के खिलाफ द्रमुक शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। स्टालिन ने बुधवार को राज्यपाल को एक पत्र भेजकर पोनमुडी को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने की मांग की थी और अगले दिन शपथ ग्रहण समारोह होने की भी उम्मीद थी।
राज्यपाल हालांकि, गुरुवार सुबह तीन दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए। जाहिर तौर पर कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए क्योंकि शीर्ष अदालत ने केवल अंतरिम अवधि के लिए दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया और इसे पूरी तरह से रद्द नहीं किया था। रविवार शाम को शहर लौटने पर, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के पत्र के जवाब में कहा कि उन्होंने पोनमुडी को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा करना संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ होगा।
स्टालिन को लिखे एक पत्र में रवि ने कहा कि यह ध्यान रखना उचित है कि शीर्ष अदालत ने पोनमुडी को अंतरिम राहत के माध्यम से दोषसिद्धि को निलंबित कर दिया था। राजभवन के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मतलब केवल यह है कि दोषसिद्धि हालांकि, मौजूदा थी, निष्क्रिय कर दी गई थी और रद्द नहीं की गई थी।
जिन अपराधों के लिए पोनमुडी को दोषी ठहराया गया था, वे भ्रष्टाचार से संबंधित बहुत गंभीर थे जो उन्होंने एक लोक सेवक के रूप में किया था। श्री रवि को पत्र में यह कहते हुए उद्धृत किया गया,“चूंकि वह भ्रष्टाचार के दागदार हैं, इसलिए मंत्री के रूप में उन्हें दोबारा शामिल करना संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ होगा और इसलिए, मैं आपके अनुरोध को स्वीकार करने में असमर्थ हूं।”
दिसंबर 2023 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद श्री पोनमुडी को स्वत: ही विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बाद में शीर्ष अदालत ने उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय के आदेश पर शीर्ष अदालत की रोक के मद्देनजर, तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम.अप्पावु, जिन्होंने पहले श्री पोनमुडी की अयोग्यता के बाद उनके पास मौजूद थिरुक्कोविलूर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया था, ने बाद में अपना निर्णय रद्द कर दिया तथा राजपत्र में एक अधिसूचना भी जारी की। इससे पूर्व मंत्री के मंत्रिमंडल में पुनः शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
विल्सन ने कहा कि पर राज्यपाल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद द्रमुक ने शीर्ष न्यायालय का रुख करने और आज देश के मुख्य न्यायाधीश की पहली पीठ के समक्ष मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करने का फैसला किया। एक लंबे सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि राज्यपाल बार-बार दोषी साबित हो रहे हैं और संविधान का बिल्कुल भी सम्मान नहीं कर रहे हैं। विल्सन ने कहा,“संविधान, कानून और शीर्ष अदालत के आदेशों के प्रति कोई सम्मान न रखने वाले ऐसे राज्यपाल को तुरंत बर्खास्त करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा,“मैं राष्ट्रपति से आग्रह करता हूं कि उन्हें तुरंत वापस बुलाया जाए क्योंकि यह राज्यपाल के पद का अपमान है। जब वह माननीय शीर्ष न्यायालय के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन करने के स्तर तक गिर गए हैं, अपमान कर रहे हैं संवैधानिक प्रावधानों और कानून के शासन की अनदेखी करते हुए, वह अब पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। इसके लिए राज्यपाल पर अवमानना का मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए।”
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Mar 18 , 2024, 02:45 AM