Himachal politics: कांग्रेस के छह बागी पूर्व विधायकों के क्षेत्रों में उपचुनाव होगा दिलचस्प

Mon, Mar 18 , 2024, 10:48 AM

Source : Uni India

शिमला। हिमाचल की सियासत में आए तूफान की लहरें शांत नहीं हुई हैं। उनका असर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में नजर आएगा। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को इन लहरों के सहारे अपनी नैया पार लगने की आस है। हिचकोले न रुके तो कांग्रेस की नाव को भंवर से निकलना मुश्किल होगा। लोकसभा चुनाव के साथ ही इस बार अयोग्य घोषित किए (disqualified) गए कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों (Rebel former MLA) के क्षेत्रों में विस उपचुनाव भी होने से चुनावी माहौल दिलचस्प हो गया है। यह चुनाव कांग्रेस व भाजपा ही नहीं, राज्य की सुक्खू सरकार (Sukhu government) की भी दशा-दिशा तय करेंगे। राज्यसभा चुनाव के बाद यह सरकार के लिए एक और इम्तिहान होगा।( Political News)

कांग्रेस को उम्मीद थी कि अपनी सरकार होने का फायदा उसे मिलेगा, अभी केवल डेढ़ साल ही सरकार को हुआ है, इसलिए सत्ता विरोध उतना नहीं होगा। पर चुनाव से कुछ दिन पहले ही राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव के दौरान पार्टी के छह विधायकों की बगावत ने पूरा परिदृश्य और समीकरण ही बदल दिए हैं। भाजपा इन्हीं अयोग्य विधायकों के बूते कांग्रेस को जितना संभव हो सके, उतना नुकसान पहुंचाने की पूरी फिराक में है। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर और राज्य में पार्टी की ही सरकार होने से चारों सीटें भाजपा की झोली में आई थीं।

बाद में मंडी उपचुनाव में सहानुभूति और राज्य सरकार के प्रति कुछ नाराजगी के चलते कांग्रेस की प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने सीट झटक ली थी। भाजपा को इस बार भी मोदी नाम की पतवार का सहारा तो है ही, कांग्रेस में उपजे असंतोष से भी उम्मीद है कि चारों सीटें जीतकर पार्टी के 400 पार मिशन में अपना सौ फीसदी दे देगी। एक ओर कांग्रेस अभी डैमेज कंट्रोल में ही जुटी हुई है, दूसरी ओर भाजपा ने दो उन सिटिंग सांसदों को प्रत्याशी घोषित भी कर दिया है जिनकी जीत के प्रति वह आश्वस्त है। 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) को हमीरपुर और सुरेश कश्यप को शिमला से मैदान में उतार पहले कदम में बढ़त बना ली है। मंडी को लेकर मंथन है और कांगड़ा को लेकर कांग्रेस के बागियों के भविष्य पर नजर। मंडी से कोई और मजबूत प्रत्याशी न मिला तो जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) तो हैं ही। कांगड़ा से चर्चा अयोग्य घोषित विधायक व पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की भी थी लेकिन अब यह देखना होगा कि वह विधानसभा उपचुनाव लड़ते हैं या लोकसभा चुनाव। वैसे ओबीसी चेहरे पर भी विचार किया जा सकता है। कांग्रेस के लिए प्रत्याशी तय करना ही अभी चुनौती है। 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। संगठन की नेता प्रतिभा सिंह को लेकर हाईकमान ही विश्वस्त नहीं दिख रहा है। कांग्रेस बिखरी हुई है, केंद्रीय नेतृत्व उसे पूरी तरह संगठित नहीं कर पा रहा है। ऐसा नहीं है कि केवल कांग्रेस की नाव में ही छेद है। भाजपा में भी कई धड़े हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व मजबूत होने और अनुशासन की वजह से पार्टी एक पंक्ति में खड़ी है। कांग्रेस के पास पिछले कई चुनावों से हमीरपुर में कोई सशक्त उम्मीदवार नहीं रहा है और इस बार भी नजर नहीं आ रहा है जो अनुराग ठाकुर को टक्कर दे सके। यही कांग्रेस के लिए नाक का सवाल भी है क्योंकि मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री दोनों के विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय क्षेत्र में हैं। बगावत का असर भी यहीं सबसे ज्यादा है। मंडी से प्रतिभा के नाम की चर्चा चलती रही है, वह सिटिंग सांसद हैं। 

कांगड़ा में भी बगावत का असर नजर आने वाला है और शिमला में ऐसा उम्मीदवार खड़ा करना चुनौती होगा जो सिटिंग सांसद सुरेश कश्यप को चुनौती दे सके। आखिरी चरण में मतदान होने से कांग्रेस को समय मिल गया है। कांग्रेस में पार्टी के भीतर नाराजगी को दूर करने के लिए सुक्खू ने संगठन के लोगों व विधायकों को एडजस्ट करने में तत्परता दिखाई है। महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये देने, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी शिक्षकों व कंप्यूटर शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने, बिजली की बढ़ी दरें सरकार की ओर से वहन करने जैसे जितने कल्याणकारी फैसले सरकार ले सकती थी, ले लिए हैं। 

सोलह माह की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही सरकार आपदा का साहस व सफलता से मुकाबला करने और उसमें केंद्र की मदद न मिलने के मुद्दे को भुना रही है। भाजपा व केंद्र सरकार पर हिमाचल सरकार को अस्थिर करने का आरोप भी लगा रही है। कांग्रेस के पास केंद्रीय स्तर पर बेरोजगारी, संस्थाओं के विघटन जैसे मुद्दे हैं। भाजपा अनुच्छेद 370, राम मंदिर जैसे राष्ट्रीय मुद्दे उठाएगी, साथ ही हिमाचल को मिले केंद्रीय प्रोजेक्टों व योजनाओं को भी गिनाएगी। इनमें रेल नेटवर्क के विस्तार, एम्स, ट्रिपल आईटी और पीजीआई सेटेलाइट सेंटर हैं। 

लोकसभा के साथ-साथ उपचुनाव के नतीजे प्रदेश में नई इबारत लिखेंगे। कांग्रेस के पक्ष में रहे तो सुक्खू सरकार को बल मिलेगा, नहीं तो सरकार को संकट पैदा होगा। भाजपा के पक्ष में रहे तो उसे केंद्र में सरकार बनाने के लिए ही मजबूती ही नहीं देंगे बल्कि प्रदेश में सरकार को घेरने का बल भी प्रदान करेंगे। पक्ष में नहीं रहे तो केंद्रीय के साथ प्रदेश के नेताओं की कारगुजारी पर सवाल पैदा करेंगे।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us
HAMARA MAHANAGAR SPECIALS
 Massive Fire Breaks : कोलकाता में लालबाजार के पास एक गोदाम में लगी  भीषण आग ! आसपास के इलाकों में धुएं का अंबार 
राहुल पर फिर बिफरे केशव प्रसाद मौर्या, कहा- राहुल हैं कांग्रेस के बहादुरशाह ज़फ़र! पूरी पार्टी निपटा कर ही दम लेंगे ; अखिलेश पर भी साधा निशाना 
Bihar Election 2025 Phase 1 Voting: सुबह 11 बजे तक 27.65% मतदान दर्ज, मैथिली ठाकुर अलीनगर के मतदान केंद्रों का दौरा करती हुईं आईं नजर
PM Modi’s Message To Bihar’s Voters: पहले चरण का मतदान जारी, पहले मतदान, फिर जलपान!  बिहार में पहली बार वोट देने वालों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
Super Moon : आसमान में रात भर दिखेंगे चमत्कार, चाँद के साथ होंगी अजीबोगरीब चीज़ें; आप भी 'इस' समय देखेंगे सब कुछ!

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups