विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद गृह मंत्री फडणवीस ने की एसआईटी गठित करने की घोषणा
भाजपा विधायक शेलार ने की थी मांग
दोनों सदनों में गूंजा जरांगे पाटिल का मुद्दा,सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों आमने -सामने
महानगर संवाददाता
मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के पीछे किस व्यक्ति या नेता का हाथ इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से की जाएगी। मंगलवार को विधानमंडल बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के दोनों सदनों में मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का मुद्दा गुंजा।जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के विरोध में आक्रामक हो गए. विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। मंगलवार की सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा विधायक आशीष शेलार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का मुद्दा उठाया। शेलार ने कहा कि जरांगे पाटिल के बयान से लगता है कि उनके आंदोलन के पीछे किसी नेता या व्यक्ति का हाथ है इसलिए जरांगे के आंदोलन और उनके बयान की जांच एसआईटी से होनी चाहिए आशीष शेलार की इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने कहा कि भाजपा सदस्य शेलार ने जो मुद्दा उपस्थित किया है वो बेहद गंभीर है विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को जरांगे के आंदोलन और उनके बयान की जांच के लिए सरकार एसआईटी गठित करने का निर्देश दिए. राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के निशाना बनाने और साजिश रचने के आरोप के बाद सरकार ने एसआईटी जांच का आदेश दिया गया है.
मराठा समाज के लिए बहुत कुछ किया -देवेंद्र फडणवीस
चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल पर मुझे नहीं बोलना था लेकिन जब सदन में चर्चा शुरू हुई है तो कुछ मुद्दे पर बोलूंगा। फडणवीस ने कहा कि मैंने मराठा समाज के लिए क्या किया है यह पूरा समाज और महाराष्ट्र जानता है.मुख्यमंत्री रहते हुए हमने सदन में मराठा समाज को आरक्षण देने का काम किया जो मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में टिका रहा लेकिन दुर्भाग्य से राज्य में सत्ता का परिवर्तन हो गया और सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण रद्द (reservation canceled) कर दिया। मनोज जरांगे पाटिल के बयान पर बोलते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिस प्रकार का जरांगे पाटिल भाषा का प्रयोग कर रहे है यह उनकी भाषा नहीं हो सकती उनके पूरे आंदोलन और बयान के पीछे किसका हाथ है यह राज्य की जनता के सामने आनी चाहिए। अध्यक्ष के आदेश पर पाटिल के आंदोलन और बयान की जांच एसआईटी से की जाएगी।फणडवीस ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल ने मेरे बारे में जो कहा उसके बाद मराठा समाज उनके नहीं बल्कि मेरे समर्थन में खड़ा हो गया है.' दुख की बात यह कि कोई भी किसी पर निचले स्तर पर जाकर बयान दे रहा है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने विधान परिषद में दी जानकारी
इधर भाजपा गट नेता प्रवीण दरेकर ने विधानपरिषद में मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का मुद्दा उपस्थित किया जिसे लेकर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को बीच बचाव में आना पड़ा शिंदे ने सदन को बताया कि मनोज जरंगे पाटिल के आंदोलन और उनके बयान की जाँच के लिए एसआईटी गठित की घोषणा हुई है. शिंदे ने कहा मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाकर कई नेता बड़े हो गए हैं, जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग उठाई थी, उनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था और मैं भी उसके पास गया था.'' सभी प्रोटोकॉल को छोड़कर मैं दो बार उनसे मिलने गया। लेकिन अब वह डीसीएम, हमारे मंत्रियों और सरकार पर टिप्पणी कर रहे हैं...क्यों? वह डीसीएम के खिलाफ निम्न स्तरीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, यह भाषा कार्यकर्ता की नहीं, राजनीतिक भाषा है. राज्य में और भी कई जातियां जा रही हैं लेकिन यह जातियों के बीच भी टकराव पैदा करने की कोशिश है.
मुख्यमंत्री के ओएसडी की हो एसआईटी जांच - उद्धव ठाकरे
मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन और बयान की जांच एसआईटी से किए जाने की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि सरकार जरांगे पाटिल के पीछे क्यों पड़ी है? एक तरफ सरकार बोलती है कि हम पाटिल के पीछे खड़े हैं. एक महीने पहले ही जरांगे पाटिल के साथ किसने गुलाल उड़ाए और पटाखे फोड़े थे ? उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये सब की भी जांच होनी चाहिए उन्होंने कहा कि जब मनोज जरांगे अंतरवाली में भूख हड़ताल पर थे, तब सरकार की ओर से उनसे बातचीत चल रही थी. इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के ओएसडी मंगेश चिवटे शामिल थे. वह अक्सर मुख्यमंत्री को छोड़ने के लिए अंतरवाली सराटी जाते थे। उन्होंने मराठा आरक्षण अधिनियम के मसौदे में मुद्दों पर मनोज जरांगे पाटिल को समझाने के लिए विशेष प्रयास किए थे। मंगेश चिवटे ने अंतरवली सराठी के मनोज जरांगे की भूख हड़ताल वापस लेने में अहम भूमिका निभाई.इस सभी मामले की जांच होनी चाहिए।ठाकरे ने कहा कि जरांगे अंतरवाली सराटी में भूख हड़ताल पर थे, तो उन पर लाठियों से बेरहमी से हमला किया गया। प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ी गई. उन पर बंदूकों से गोलियां चलाई गईं. महिलाओं के सिर फोड़ दिये गये. उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया मानो कोई आतंकवादी वहां घुस आया हो. राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मी शुक्ला फोन जांच में माहिर हैं। उनके पास जरांगे पाटिल और हमारे बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड होगा. अगर मनोज जरांगे कुछ गलत कर रहे हैं तो आप उन्हें बताते क्यों नहीं? यदि कोई व्यक्ति आंदोलन करता है तो उसे अपराधी माना जाता है। उत्तर में आंदोलनकारी किसानों को उग्रवादी घोषित कर दिया गया।
जरांगे पाटिल के आरोप भी एसआईटी जांच -पटोले
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल के बयान और आंदोलन की एसआईटी जांच करा रही है लेकिन पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) पर जो गंभीर आरोप लगाए उसकी भी जांच एसआईटी से होनी चाहिए जाँच के बाद यह मालूम पड़ेगा की पाटिल के आरोप में कितना तथ्य है.
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Tue, Feb 27 , 2024, 07:39 AM