यह श्वेत पत्र नहीं, काली सच्चाईयों को छिपाने वाला पत्र है : कांग्रेस

Sat, Feb 10 , 2024, 01:50 AM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को राज्यसभा में मोदी सरकार (Modi government) के श्वेत पत्र (White Paper) को काली सच्चाईयों को छिपाने वाला पत्र करार देते हुए आज कहा कि इसके जरिए लोगों का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की बदहाल स्थिति से भटकाया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने भी श्वेत पत्र को खारिज करते हुए इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (UPA) के समय की आर्थिक स्थिति पर लाये गये श्वेत पत्र पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह श्वेत पत्र नहीं बल्कि मोदी सरकार की आर्थिक नाकामियों को छिपाने का पत्र है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि मोदी सरकार ने जब सत्ता संभाली तो सकल घरेलू उत्पाद दर सबसे अधिक थी लेकिन सरकार कह रही है कि उसे विरासत में खस्ता अर्थव्यवस्था मिली थी। उन्होंने कहा कि यह श्वेत पत्र केवल संप्रग की आलोचना के लिए लाया गया है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि चुप रह कर काम करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल देश में स्वर्णिम काल था लेकिन नरेन्द्र मोदी केवल शोर मचाकर अपने शासन को स्वर्णिम काल बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी देश में 20 से 24 प्रतिशत की उम्र के 44 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि यह श्वेत पत्र ऐसी सरकार के खिलाफ लाया गया है जो शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, खादय अधिकार और मनरेगा जैसी योजनाएं लेकर आयी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संप्रग पर कैग की रिपोर्ट के आधार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है लेकिन मोदी सरकार अपने समय की कैग रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने दे रही है और सच्चाई को छिपा रही है। उन्होंने कहा कि देश का युवा और किसान निराश हैं और वे संसद की ओर कूच कर रहे हैं जबकि सरकाार महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान भटकाने में लगी है। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध पर श्वेत पत्र क्यों नहीं ला रही।

श्री वेणुगोपाल ने कहा कि नोटबंदी के बारे में श्वेत पत्र में कुछ नहीं कहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि काला धन वापस आयेगा लेकिन काले धन से संबंधित कोई आंकडा इसमें नहीं दिया गया है। नाेटबंदी के प्रभाव का भी इसमें कोई जिक्र नहीं किया गया है। बेरोजगारी की दर के बारे में भी इसमें कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार में आठ वर्ष के बाद बेरोजगारी की दर 5.6 प्रतिशत थी अब 2022 में यह 8 प्रतिशत पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि संप्रग ने 27 प्रतिशत लोगों को गरीबी से बाहर निकाला । उन्होंने कहा कि संप्रग के समय में कहा जाता था कि रूपया वेंटीलेटर पर है लेकिन अब रूपया कहां है कोई नहीं बता रहा।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गांरटी पर कहा कि अब वह नयी गारंटी दे रहे हैं लेकिन यह नहीं बता रहे कि पुरानी गारंटी का क्या हुआ। उन्होंने कहा , “ दो करोड़ नौकरी हर वर्ष , सौ दिन में काला धन वापस आयेगा क्या हुआ, हर खाते में 15 लाख रूपये आयेंगे , किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी इन गारंटियों का क्या हुआ।” उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च नहीं हो रहा और यह इस बात से पता चल रहा है कि वाजपेयी सरकार में जीवन प्रत्याशा 64 वर्ष थी जो संप्रग में बढकर 69 हुई लेकिन अब कम होकर 67 वर्ष पर आ गयी। कोविड के बावजूद स्वास्थ्य बजट में बढोतरी नहीं हुई है। शिक्षा पर 2004 में खर्च 2.2 प्रतिशत था 2014 में यह 4.6 पहुंच गया लेकिन अब 2.9 आ गया।
श्री वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस किसी भी महान हस्ती को भारत रत्न देने की विरोधी नहीं है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार भारत रत्न का इस्तेमाल राजनीति और चुनाव के लिए कर रही है। कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया। तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि यह जादूई श्वेत पत्र है क्योंकि इसको देखकर लगता है कि नोटबंदी हुई ही नहीं जबकि नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी। यह बहुत बड़ी विफलता थी इसीलिए इसका जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में मौजूदा स्थिति के बारे में कुछ नहीं कहा गया। संप्रग के बारे में बताया जा रहा है और वर्ष 2047 के बारे में बताया जा रहा है लेकिन बेरोजगारी के बारे में नहीं बताया जा रहा है।बढती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। लोगों की बचत पिछले पचास वर्ष में सबसे कम है। ईमानदार कार्यकर्ताओं को काले धन का कितना हिस्सा मिला है यह भी श्वेत पत्र में नहीं बताया गया है और हम इस श्वेत पत्र को खारिज करते हैं और सदन से बहिर्गमन करते हैं । बीजू जनता दल के अमर पटनायाक ने कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार बहुत मजबूत है और यह दुनिया में तेजी से अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की दिशा में बढ रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों का आवंटन बढाये जाने की जरूरत है क्योंकि जब राज्य मजबूत होंगे तो भारत अपने आप विकसित राष्ट्र बन जायेगा। उन्होंने ओड़िशा में प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए उसे ‘फोकस स्टेट ’का दर्जा दिये जाने की मांग की।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जाॅन ब्रिटास ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रशंसा करते हैं तो दूसरी ओर उनकी सरकार डा सिंह के शासनकाल की स्थिति पर श्वेत पत्र ला रही है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर यह सरकार एक बार फिर उनकी सराहना करते हुए डा सिंह को भारत रत्न भी दे सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार करदाताओं के पैसे को प्रचार में लगा रही है। द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि सरकार करदाताओं के पैसे का दुरूपयोग करते हुए अपने प्रचार के लिए संसद के बजट सत्र की अवधि बढा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर विपक्ष इस सरकार के कामकाज पर श्वेत पत्र लायेगा। अभी यह सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है। इस सरकार की नीतियों से किसान आंदोलन और नोटबंदी के दौरान हजारों लोगों की मौत हुई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ हो रहा है।

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