महानगर संवाददाता, मुंबई। शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक राऊत ने अखबार के साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में 30 जनवरी के अंक में दावा किया था कि शिवसेना के नेता वामनराव महाडिक, प्रमोद नवलकर और छगन भुजबल ने भाजपा के समर्थन के बिना विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने संजय राऊत द्वारा पार्टी के मुखपत्र सामना में गलत तथ्य पेश किए जाने को लेकर अखबार की संपादक रश्मि ठाकरे को पत्र लिखा है।
नाईक ने अपने पत्र में कहा है कि राऊत ने शिवसेना उम्मीदवारों के अकेले दम पर विधानसभा चुनाव जीतने के बारे में गलत तथ्य पेश किए हैं। उस समय शिवसेना के दो उम्मीदवारों को भारतीय जनसंघ ने समर्थन किया था, जबकि एक उम्मीदवार ने निर्दलीय चुनाव जीता था। नाईक ने कहा कि राऊत ने लिखा है कि 5 जून 1970 को परेल (मुंबई) के तत्कालीन विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के बाद रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में शिवसेना उम्मीदवार वामनराव महाडिक भाजपा के समर्थन के बिना जीते थे, लेकिन सच्चाई यह है कि उस उपचुनाव में शिवसेना उम्मीदवार महाडिक को भारतीय जनसंघ ने समर्थन दिया था, जबकि गिरगांव सीट से शिवसेना के उम्मीदवार प्रमोद नवलकर को जीत दिलाने में जनसंघ के नेता वामनराव परब समेत अन्य नेताओं का योगदान था। नाईक ने कहा कि साल 1985 में छगन भुजबल ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर नहीं, बल्कि निर्दलीय विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। भुजबल फिलहाल प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं।



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Mon, Jan 31 , 2022, 10:09 AM