पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के दिल्ली दौरे का दूसरा दिन है. उनके दिल्ली आने का एजेंडा क्या है, इसको लेकर अभी तक स्पष्टता सामने नहीं आई है. इस बीच इंडिया गठबंधन में सियासी हलचल (political movement) तेज है. एक ओर जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस (Aam Aadmi Party and the Congress) के बीच बयानबाजियां तल्ख होती जा रही हैं, वहीं महाराष्ट्र में एक ओर शरद पवार (Sharad Pawar) की राजनीति ने अपनों यानी इंडिया गठबंधन को असमंजस में डाल दिया है; तो दूसरी ओर दुश्मन यानी भाजपा-एनडीए को भी कन्फ्यूज कर दिया है. इस बीच सबकी नजर नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर टिक गई है.
हालांकि, कहा तो जा रहा है कि नीतीश कुमार दिल्ली के दौरे पर अपनी आंखों के इलाज के लिए रूटीन चेकअप के लिए गए हैं. लेकिन, सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि आगामी 31 अगस्त और 1 सितंबर को इंडिया अलायंस की बैठक से पहले वह अपनी भूमिका स्पष्ट करना चाहते हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से नीतीश कुमार की मुलाकात करने को लेकर कयासबाजियां होती रहीं. दूसरी ओर नीतीश कुमार को लेकर कांग्रेस की ओर से अभी तक एक तरह से चुप्पी है. कहा तो जा रहा था कि अपने इस दौरे में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिल सकते हैं, लेकिन अब खबर यह है कि वे शुक्रवार के बदले गुरुवार को ही पटना वापस जा रहे हैं.
कांग्रेस से नहीं मिला कोई सिग्नल
दरअसल, नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और इंडिया गठबंधन में कन्फ्यूजन की खबर तब भी उभरकर सामने आ गयी जब बिहार कांग्रेस के नेताओं की बुधवार को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग रद्द कर दी गई. वहीं, नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के बीच में ही राहुल गांधी लद्दाख दौरे पर चले गए. इस बीच नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के बीच नया विवाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच शुरू हो गया और दोनों ही पार्टियां आमने-सामने आ गईं.
नीतीश कुमार का एजेंडा साफ नहीं
कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कह दिया कि मुंबई में होने वाली विपक्षी एकता की तीसरी बैठक में हम क्यों जाएं? यानी ‘आप’ और कांग्रेस आमने-सामने है. हालांकि, बाद में कांग्रेस और आप, दोनों पार्टियों के नेताओं ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश तो की और अभी इसको लेकर किसी भी तरह की कयासबाजियों को खारिज कर दिया. लेकिन, नीतीश कुमार इसी दुविधा में फंसे हुए दिख रहे हैं और उनका आगे का एजेंडा भी क्लियर नहीं दिख रहा है.
AAP- कांग्रेस में तलवारें खिंचीं!
गौरतलब है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में विपक्षी एकता की पहली बैठक गत 23 जून को राजधानी पटना में हुई थी. इस बैठक में दिल्ली विधेयक पर कांग्रेस की ओर से कोई भरोसा नहीं देने के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. इसके बाद 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु की मीटिंग में INDIA गठबंधन बनने के बाद संयोजक के नाम की घोषणा नहीं होने को लेकर नीतीश कुमार की नाराजगी खबरें सामने आईं थीं. अब जब आगामी 31 अगस्त और 1 सितंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक प्रस्तावित है तो AAP- कांग्रेस के बीच तलवारें खिंचती दिख रही हैं.
आप-कांग्रेस के टेंशन से कन्फ्यूजन
बता दें कि दिल्ली और पंजाब दोनों जगहों पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को हराकर सरकार छीनी है. दूसरी खबर है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तनाव के बाद सीएम नीतीश कुमार दिल्ली में इंडिया गठबंधन के किसी नेता से मिले बिना वापस लौट रहे हैं. अब लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर क्या समीकरण बनता है और सीएम नीतीश अपने मिशन में कितना सफल होते हैं यह आने वाले वक्त में पता चलेगा.



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Thu, Aug 17 , 2023, 12:18 PM