बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka assembly elections) में मिले जनादेश के बाद अब कांग्रेस मुख्यमंत्री पद को लेकर सोच-विचार कर रही है क्योंकि राज्य के दो वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (Siddaramaiah and DK Shivakumar) दोनों ही सीएम की दौड़ में ना सिर्फ शामिल हैं, बल्कि प्रबल दावेदार भी माने जा रहे हैं. हालांकि, सूत्रों का मानना है कि डीके के मुकाबले सिद्धारमैया का पक्ष ज्यादा मजबूत है. 13 मई को आए चुनावी नतीजे में कांग्रेस 135 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा सिर्फ 66 और जेडीएस 19 सीटों पर सिमट कर रह गई.
मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी पसोपेश के बीच रविवार को बेंगलुरु में हुई विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारिय किया गया, जिसके मुताबिक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को यह अधिकार दिया गया है कि वे विधायक दल का नेता चुनेंगे, जो कि प्रदेश का नया मुख्यमंत्री होगा. माना जा रहा है कि कर्नाटक के लिए जो तीन पर्यवेक्षक बनाए गए थे, उन्होंने विधायकों से मशविरा कर लिया है और अब वे अपनी रिपोर्ट खड़गे को सौंपेगे. तो चलिए जानते हैं क्या है सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार का मजबूत पक्ष:
सिद्धारमैया का कमजोर पक्ष:
कांग्रेस के धुर-विरोधी रह चुके सिद्धरमैया कांग्रेस में 18 साल पहले आए.
सिद्धरमैया की उम्र 75 की हो गई है, इसलिए उम्रदराज की जगह युवा को मौका मिले.
डीके शिवकुमार का मजबूत पक्ष:
डीके शिवकुमार का कमजोर पक्ष:



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Mon, May 15 , 2023, 03:20 AM