दिल्ली में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले केजरीवाल!

Thu, May 11 , 2023, 03:55 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. साथ ही केजरीवाल ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिलेगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा कि सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार (Delhi government) के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं. दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग (transfer-posting of officers in Delhi.) के अधिकार को लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा.
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि जैसे ही हमारी सरकार बनी पीएम ने केंद्र सरकार (Central Government) से एक आदेश पारित कराया कि दिल्ली में काम करने वाले सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और नौकरी से संबंधित सभी फैसले दिल्ली सरकार के पास नहीं रहेंगे. यानी अगर कोई रिश्वत ले रहा है तो हम उन्हें निलंबित भी नहीं कर सकते. इस आदेश का इस्तेमाल करके दिल्ली में कामों को जबरदस्ती रोका गया.
दिल्ली में होगा बड़ा प्रशासनिक बदलाव
आज सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है वो दिल्ली की जनता के सहयोग का नतीजा है. अब हमें दिल्ली के लोगों को रिस्पॉन्सिव प्रशासन देना है. अगले कुछ दिनों में दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा. कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में जनता के काम रोके, ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड संबंधित शक्तियां केंद्र के पास होंगी. फैसला पढ़ने से पहले सीजेआई ने कहा कि ये बहुमत का फैसला है. सीजेआई ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को सीमित करने के लिए केंद्र की दलीलों से निपटना आवश्यक है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये मामला सिर्फ सर्विसेज पर नियंत्रण का है.
सीजेआई ने कहा कि चुनी हुई सरकार को प्रशासन चलाने की शक्तियां मिलनी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता तो यह संघीय ढांचे के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा कि अधिकारी जो अपनी ड्यूटी करने के लिए तैनात हैं उन्हें मंत्रियों की बात सुननी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो यह सिस्टम में बहुत बड़ी खोट है. चुनी हुई सरकार में उसी के पास प्रशासनिक व्यवस्था होनी चाहिए. अगर चुनी हुई सरकार के पास ये अधिकार नहीं रहता तो फिर ट्रिपल चेन जवाबदेही पूरी नहीं होती.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि NCT एक पूर्ण राज्य नहीं है. ऐसे में राज्य पहली सूची में नहीं आता. NCT दिल्ली के अधिकार दूसरे राज्यों की तुलना में कम हैं. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ यह तय करेगी की दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच सर्विसेज का कंट्रोल किसके हाथ में होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
केंद्र ने संविधान पीठ को मामले की सुनवाई करने की दी थी दलील
दरसअल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में होंगी, इस पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 14 फरवरी 2019 को एक फैसला दिया था लेकिन, उसमें दोनों जजों का मत फैसले को लेकर अलग-अलग था. लिहाजा फैसले के लिए तीन जजों की बेंच गठित करने के लिए मामले को चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया गया था. इसी बीच केंद्र ने दलील दी थी कि मामले को और बड़ी बेंच यानी संविधान पीठ को भेजा जाए.

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups