पाकिस्तान से पूछकर तालिबान ने की थी भारत से बात
पाकिस्तान। तालिबान ने अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद भारत से रिश्ते सुधारने के लिए पाकिस्तान से सलाह ली थी। इसका खुलासा 'द रिटर्न ऑफ तालिबान' नाम की किताब में किया गया है। किताब में बताया गया है कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी (Aamir Khan Muttaki) की पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa) से काबुल में मुलाकात हुई। किताब के लेखक हसन अब्बास (Hasan Abbas) के मुताबिक दोनों के बीच भारत को लेकर बातचीत हुई थी। इसके बाद ही तालिबान ने भारत को अपने डिप्लोमैट्स और टेक्निकल स्टाफ को फिर से काबुल भेजने के लिए कहा था। दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान के टेक-ओवर (Taliban take-over in Afghanistan) के बाद भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों और डिप्लोमैट्स को वहां से वापस बुला लिया था।
पाकिस्तान के बिना भारत-तालिबान में बात नहीं होती
हसन अब्बास ने अपनी किताब में लिखा है कि पाकिस्तान के कहे बिना भारत और अफगानिस्तान के बीच बातचीत नहीं हो पाती। तालिबान की भारत से बात करवाने के पीछे पाकिस्तान की मंशा ये नहीं थी कि दोनों के रिश्ते बेहतर हों। अब्बास ने बताया है कि पाकिस्तान की सेना चाहती थी कि तालिबान को दुनिया से फिर से आर्थिक मदद मिले। इसी वजह से उन्होंने तालिबान को इजाजत दी कि वो भारत से बात करें। उस समय अफगानिस्तान को आर्थिक मदद दिलाने के लिए पाकिस्तान भी उतना ही उतारू था जितना कि खुद अफगान तालिबान।

तालिबान से बातचीत को गंभीरता से ले रहा भारत
किताब में ये भी बताया है कि अफगानिस्तान में भारत की रणनीतिक दिलचस्पी है, जबकि तालिबान अपनी अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिए साउथ एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से रिश्ते बनाना चाहता था। तालिबान को फिर से अफगानिस्तान को खड़ा करने के लिए निवेश की जरूरत है जो उसे भारत से मिल सकता है। हसन अब्बास ने ये भी बताया है कि भारत अब गंभीरता से तालिबान पर अपनी पोजिशन को लेकर सोच रहा है। अफगानिस्तान में हालातों को स्थिर करने के लिए भारत तालिबान के साथ काम करना चाहता है।
अफगानिस्तान में पूर्व पाक आर्मी चीफ का इतना दबदबा कैसे?
हसन ने अपनी किताब में बताया है कि पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा का अफगानिस्तान पर काफी प्रभाव है। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए एक उदाहरण दिया है। उन्होंने लिखा, अमेरिका में 9/11 हमले के बाद पाकिस्तान की सेना ने तालिबान के वित्त मंत्री हिदायतुल्लाह बद्री को हिरासत में लेकर खूब टॉर्चर किया था। बाद में मुत्तकी ही उसे बाजवा के पास लेकर गया और दोनों के बीच सुलह कराई । बाजवा की हामी के बाद ही तालिबान ने बद्री को वित्त मंत्री बनाया था।



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Thu, Apr 27 , 2023, 12:03 PM