Anand Mohan Released: बिहार में हाई है सियासी पारा, आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पटना हाईकोर्ट में PIL दायर 

Thu, Apr 27 , 2023, 11:22 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Anand Mohan News: आनंद मोहन की रिहाई (release of Anand Mohan) पर बिहार में सियासी पारा हाई है. बीजेपी ने कहा है कि मुस्लिम-यादव समीकरण (Muslim-Yadav equation) को ध्यान में रखकर नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को रिहा किया है. जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. बता दें कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार ने 14 साल या उससे ज्यादा सजा काट चुके 27 कैदियों की रिहाई के आदेश जारी किए थे. इसी के तहत आनंद मोहन जेल से बाहर आया है.  
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार की राजनीति (politics of Bihar) में बयानों की बौछार हो रही है. हालांकि बीजेपी के ही कुछ नेता आनंद मोहन की रिहाई को गलत नहीं मान रहे हैं. हमें बीजेपी के स्टैंड को समझने की आवश्यकता है. बीजेपी के नेताओं का ये कहना है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की आड़ में दुर्दांत अपराधी को छोड़ा जा रहा हैं ये गलत हो रहा है. सब लोग चाहते थे आनंद मोहन रिहा हो जाए, खुशी की बात है लेकिन उनके आड़ में महागठबंधन अपराधियों को छोड़ रही है जो दुखद है. 
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज सिंह बबलू ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं है. बीजेपी का कहना है कि वे लंबे समय से जेल में थे. उनको रिहाई मिलनी चाहिए थी. हम लोग तो पहले से कह रहे थे उनको रिहाई मिलनी चाहिए, महागठबंधन के लोगों ने ही आनंद मोहन को फंसाया था जेल भेजवाया था.
आनंद मोहन को बिहार की सियासत में उन बाहुबलियों की जमात में रखा जाता है जिनकी अपने इलाके और अपनी जाति में खासी पकड़ मानी जाती है. आनंद मोहन को गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की भीड़ के हाथों हुई मौत के मामले में दोषी ठहराया गया था, लेकिन 2024 चुनाव से पहले वोटर्स की हर पांत में पैठ बनाने की चाह रखने वाले नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए जेल मैन्युअल में ही तब्दीली कर डाली.

  • बिहार में राजपूतों की आबादी 6.2%
  • 32 विधानसभा सीटों पर असर
  • 7-8 लोकसभा पर निर्णायक भूमिका
  • 2019- BJP ने 5 राजपूतों को दिया टिकट
  • सभी 5 उम्मीदवार जीते लोकसभा चुनाव
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में जीते 28 राजपूत
  • BJP से 15 राजपूत उम्मीदवार, JDU से 2 जीते
  • RJD-7, कांग्रेस-1, VIP-2, 1 निर्दलीय की जीत

बिहार के 2012 के जेल मैन्युअल नियम 481(I)-(A) में बदलाव किया गया है. इस मैन्युअल में 'एक लोक सेवक की हत्या' के जिक्र को अब हटा दिया गया है. इतना ही नहीं सरकारी सेवक की हत्या भी अपवाद की श्रेणी से हटा दी गई है. यानि इस बदलाव के बाद लोक सेवक की हत्या साधारण हत्या ही मानी जाएगी.

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