बेंगलुरु,19 अप्रैल (वार्ता)। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के दो कद्दावर नेताओं जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी (Jagadish Shettar and Laxman Savadi) के पार्टी छोड़ने और टिकट पाने के लिए कांग्रेस में शामिल होने के बाद, कांग्रेस भाजपा के लिंगायत विरोधी होने का माहौल बनाने की कोशिश की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दारमैया ने यहां तक कह दिया कि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B S Yeddyurappa) को भी पार्टी से “दरकिनार” करके अपमानित किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) और येदियुरप्पा हालांकि जोरदार ढंग से कांग्रेस के ऐसी धारणा बनाने के प्रयास को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें ज्यादा दूर जाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी शुरुआत कर रहे श्री येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई विजयेंद्र ने अलग धर्म का दर्जा देकर लिंगायत समुदाय में विभाजन पैदा करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है। श्री विजयेंद्र ने कहा कि इस कदम का मठादिपति और लिंगायत समुदाय ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने सर्वेक्षण के बाद चुनावी लाभ हासिल करने के लिए समुदाय को विभाजित करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि एक सर्वे के अनुसार 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वास्तव में कांग्रेस चुनाव हार गई क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव में इसकी संख्या 122 से घटकर मात्र 70 सीटों पर आ गई। पिछले चुनाव में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। श्री विजयेंद्र ने कहा, “लोग जानते हैं कि लिंगायतों को किसने धोखा दिया है। हर कोई जानता है कि यह कांग्रेस है। इसलिए, मुझे विश्वास है कि लिंगायतों सहित सभी समुदाय भाजपा और नरेंद्र मोदी जी का समर्थन करेंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया, “लिंगायतों को विभाजित करना कांग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। श्री सिद्धारमैया के शासन के दौरान, हर कोई कांग्रेस की सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त था, लेकिन एक बार यह महसूस हुआ कि श्री येदियुरप्पा और भाजपा के नेतृत्व के कारण वह जीत से दूर हैं। श्री सिद्धारमैया सरकार ने तब भी लिंगायत समुदाय को अलग धार्मिक दर्जा देकर लिंगायतों को विभाजित करने की कोशिश की थी। कांग्रेस किसी भी स्तर तक गिर सकती है।”
इस बीच श्री बोम्मई ने तर्क देते हुये कहा कि लोग कांग्रेस की फूट डालो और राज करो की नीति को नहीं भूले हैं, लेकिन लिंगायत समुदाय को सतर्क रहना होगा और आवश्यकता पड़ने पर सही निर्णय लेना होगा। श्री शेट्टार और श्री सावदी सहित दलबदलू नेताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “ भाजपा को 2018 के चुनाव से ज्यादा सीटें मिलेंगी।”
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी ने देश को सात दशक तक बांटा, वह अब खुद ही बंट गई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस (शासन) के 70 वर्षों में विभाजन, विभाजन, विभाजन और केवल विभाजन था। समाज को आप जितना विभाजित कर सकते हैं - उत्तर-दक्षिण, भाषा, जाति, पंथ, धर्म। तथ्य यह है कि विभाजन करके, वे खुद अब बंटे हुए हैं। जबकि भाजपा में विविधता में एकता है।
कर्नाटक दौरे पर आए श्री नड्डा ने कांग्रेस और श्री सिद्धारमैया पर पीएफआई के संरक्षक होने का आरोप लगाया। उन्होंने हुबली में कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएफआई के खिलाफ मामले वापस ले लिए, पीएफआई के 1,700 कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया। सिद्धारमैया उनके संरक्षक हैं...।”केंद्र ने पिछले साल सितंबर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भाजपा से श्री शेट्टार के इस्तीफे और उनके कांग्रेस में शामिल होने ने हुबली-धारवाड़ सेंट्रल को विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण लड़ाई बना दिया है। छह बार के विधायक श्री शेट्टार ने निवर्तमान विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था और निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिए जाने के इच्छुक थे।



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Wed, Apr 19 , 2023, 05:37 AM