अगली तारीख तक नई नियुक्तियां नहीं होंगी: राज्य सरकार
नई दिल्ली। कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार (Basavaraj Bommai government) ने राज्य में मुस्लिम OBC का 4% आरक्षण खत्म कर दिया। इस कोटे को वोक्कालिगा और लिंगायत (Vokkaligas and Lingayats) के बीच बराबर दो-दो फीसदी बांट दिया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को सुनवाई हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 25 अप्रैल तक टाल दिया। कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश हुए SG तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच से फैसला टालने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार अगली तारीख तक विवादित निर्णय के आधार पर नई नियुक्तियां नहीं करेगा।
इसके पहले 13 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई थी। जस्टिस केएम जोसेफ की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि पहली नजर में कर्नाटक सरकार का फैसला सही नहीं लगता। सुप्रीम कोर्ट के सामने जो रिकॉर्ड पेश किया गया है, उससे जाहिर होता है कि फैसला गलत कॉन्सेप्ट पर आधारित है।
न स्टडी कराई, न ही डेटा दिया
कर्नाटक की मुस्लिम कम्युनिटी की ओर से इस केस में वकील कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे और गोपाल शंकर नारायणन पेश हुए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम OBC का जो रिजर्वेशन खत्म किया गया है, उसका कोई ठोस आधार नहीं है। सरकार ने न कोई स्टडी कराई और न ही कोई डेटा दिया।
कर्नाटक सरकार ने समय मांगा था
कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब के लिए समय मांगा था। मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस दौरान नए रिजर्वेशन कोटे के आदेश के तहत कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। इस बीच वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने अपना जवाब दाखिल करने से पहले कोई अंतरिम आदेश पारित न करने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय कर दी थी।
कर्नाटक में आरक्षण प्रतिशत भी बढ़कर 56% हुआ
कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्वेशन 15% से बढ़ाकर 17% और अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्वेशन बढ़ाकर 3% से 7% कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में रिजर्वेशन प्रतिशत 50 तय किया था, लेकिन इन बदलावों के बाद राज्य में आरक्षण की सीमा 56% हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की तय लिमिट के मुताबिक, रिजर्वेशन पर्सेंटेज को 50% से नीचे रखने की अपील पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।



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Tue, Apr 18 , 2023, 11:52 AM