सुरक्षाकर्मी हैं असल टारगेट
Tehreek-i-Taliban Pakistan: पाकिस्तान के लिए ‘पाकिस्तानी तालिबान (Pakistani Taliban)’ सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभर रहा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Taliban Pakistan) के नाम से मशहूर आतंकी संगठन ने अब अपना टार्गेट बदल लिया है. वे शहरी इलाके में खासतौर पर पुलिस को निशाना बना रहे हैं. आर्थिक संकटों के बीच ‘आतंकी संकट (terrorist crisis)’ आंतक की उपज करने वाले पाकिस्तान पर दोहरी मार है.
इसी साल ऐसे कई हमले हुए हैं, जिससे साफ होता है कि ‘पाकिस्तानी तालिबान’ अपना आतंक तेजी से फैला रहे हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) या ‘पाकिस्तानी तालिबान’ ऐसे तो खुद को अफगान तालिबान से अलग होने का दावा करता है, लेकिन दोनों समूहों का प्लान एक ही है – ‘इस्लामिक एमिरेट्स बनाना, जहां शरियत के मुताबिक कानून हों.’ पाकिस्तान-और अफगानिस्तान के तालिबानी शासन के बीच भी संबंध तनावपूर्ण हैं, जहां अफगानिस्तान टीटीपी के लड़ाकों को शरण देता है. ‘पाकिस्तानी तालिबान’ ने यहां 16 सालों से आतंक फैला रखा है.
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद टीटीपी हुआ मजबूत
तालिबानियों के अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद टीटीपी को काफी मजबूती मिली है. 2021 के बाद से पाकिस्तान के भीतर यह आतंकी सगंठन खूब एक्टिव हो गया है और पिछले एक-डेढ़ साल में कई घातक हमलों को अंजाम दिया. टीटीपी के लड़ाके पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में छिपा करते थे, और अफगानिस्तान में उनका अड्डा भी था. बाद में सत्ता में आने के बाद तालिबानियों ने खुलेआम टीटीपी के लड़ाके को पनाह देना शुरू कर दिया.
तालिबान की कथनी और करनी में अंतर
तालिबानी नेता कहते रहे हैं कि वह टीटीपी को पाकिस्तान समेत, किसी भी देश भी देश पर हमले के लिए अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने देंगे. हालांकि अफ़ग़ान तालिबान की कथनी और करनी में अंतर है. माना जाता है कि टीटीपी के बड़े लीडर तालिबान अफगान के ही शरण में छिपते हैं. पिछली अफगान सरकार ने अवैध रूप से सीमा में घुसने और आतंकी गतिविधियों के लिए कई टीटीपी के नेताओं को जेल में बंद कर दिया था, लेकिन तालिबानी शासन आने के बाद वे रिहा कर दिए गए.
पाकिस्तान में टीटीपी के हमले
कराची में 17 फरवरी को एक पुलिस स्टेशन में तीन आतंकी घुस आए थे. वे हैंड ग्रेनेड और आधुनिक हथियारों से लैस थे. हमलावरों द्वारा किए गए हमले में चार लोग मारे गए. बाद में सुरक्षा बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया. इस हमले की ‘पाकिस्तानी तालिबान’ ने जिम्मेदारी ली थी. इससे पहले 30 जनवरी को ‘पाकिस्तानी तालिबान’ ने पेशावर में एक मस्जिद में विस्फोट कर दिया था. मस्जिद में किए गए हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी थे.
पाकिस्तान के पंजाब स्थित मियांवली जिले में आतंकी ने ऑटोमेटिक हथियार के साथ पुलिस स्टेशन पर हमला बोल दिया था. इतना ही नहीं मक्करल इलाके में एक और पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने क्वेटा में 5 फरवरी को एक हमले को अंजाम दिया. यहां टीटीपी के आत्मघाती हमलावर ने 80 से ज्यादा लोगों की जान ले ली.
पाकिस्तान में टीटीपी का प्रभाव
पाकिस्तान में मानो आतंकवाद की लहर चल रही है. पाकिस्तान में पिछले दो दशकों में अनगिनत आतंकवादी हमले हुए हैं. खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा आतंक की गिरफ्त में है. वहीं बालूचिस्तान और मियांवली का इलाका भी आतंकवाद से ग्रस्त है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस्लामाबाद के आसपास भी टीटीपी अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में हैं. जनवरी महीने में पाकिस्तान में कमोबेश 44 आतंकवादी हमले हुए, जिसमें 134 लोगों ने जान गंवाई.



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Sat, Apr 15 , 2023, 03:27 AM