बिहार सरकार का मुस्लिम कर्मचारियों को तोहफा

Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi    Sat, Mar 18, 2023, 06:37



रमजान में 1 घंटे पहले दफ्तर आने-जाने की दी इजाजत
पटना।
आगामी रमजान (Ramadan) को देखते हुए बिहार सरकार ने अपने मुस्लिम कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. रमजान से पहले सरकार की ओर से राज्य सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि बिहार सरकार के सभी मुस्लिम कर्मचारियों (muslim employees) और अधिकारियों को रमजान के महीने में निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय आने और निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति होगी.

इस वर्ष सवा 14 घंटे का होगा रोजा
इस साल रमजान 23 या 24 मार्च से शुरू होने की संभावना है. रमजान 2023 के पहले दिन का रोजा लगभग 13 घंटे 27 मिनट का होगा, जबकि रमजान का आखिरी रोजा 14 घंटे 12 मिनट लंबा होगा. गौरतलब है कि रोजे के दौरान रोजेदार मुसलमान सुबह सूरज निकलने से लगभग एक घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त होने तक कुछ भी खाते-पीते नहीं है दरअसल, रमजान मुसलमानों के लिए एक पवित्र महीना है. इस महीने में रोजे रखने के साथ ही मुसलमान नमाज और जकात (दान) का विशेष प्रबंध करते हैं. 

मुस्लिम ऐसे फैसलों का करते हैं विरोध
गौरतलब है कि भारत का मुसलमान अपने लिए कभी भी ऐसी विशेष रियायत की मांग नहीं करता है, जिससे समाज में असंतोष पैदा हो. दरअसल, ऐसे फैसलों को बीजेपी और संघ परिवार की ओर से मुस्लिम तुष्टिकरण के तौर पर प्रचारित किया जाता है, जिससे देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच खाई बढ़ती है. यही वजह है कि जब मुलायम सिंह ने जुमे के दिन सरकारी छुट्टी का एलान किया था, तो मुसलमानों ने इसका खुलकर विरोध किया था, जिसके बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था.

सोशल मीडिया पर अभी से शुरू हुआ विरोध
बिहार सरकार (Government of Bihar) के इस फैसले की खबर आते ही सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ जमकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इसे लोग मुस्लिम तुष्टिकरण बता कर विरोध कर रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, 'ऐसे फैसले लेता रहा नितीश तो जल्दी ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन जाएगा'. एक और यूजर ने लिखा कि नवरात्र भी आ रहे हैं, क्या बिहार सरकार हिंदुओं के लिए भी यही आदेश जारी करेगी. वहीं, एक यूजर ने लिखा, 'भगवान का शुक्र है कि उन्होंने शाम के एक घंटे की अतिरिक्त सुबह एक अतिरिक्त घंटे की भरपाई करके अनुमति दी. इसके आगे उन्होंने लिखा कि शाम को एक घंटे की छुट्टी दी है,  तुष्टिकरण. क्या उन्होंने कभी राखी, करवा चौथ या नवरात्रि को इतना महत्व दिया. क्या हिंदू उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं?


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