नागपुर, 28 दिसंबर (वार्ता) महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) ने बुधवार को महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक (Lokayukta Bill) 2022 पारित कर दिया, जिसे सोमवार को विधानसभा में पेश किया गया। कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने विधेयक पेश किया जिसमें मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाने का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले लोकायुक्त को विधानसभा की मंजूरी लेनी होगी और सदन के सत्र से पहले एक प्रस्ताव लाना होगा। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार इस तरह के प्रस्ताव के लिए राज्य विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि लोकायुक्त मुख्यमंत्री के खिलाफ आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों के भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े मामलों की जांच नहीं करेगा। इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि ऐसी किसी भी जांच को गुप्त रखा जाएगा और यदि लोकायुक्त इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि शिकायत खारिज करने योग्य है। तो पूछताछ के रिकॉर्ड प्रकाशित नहीं किए जाएंगे या फिर किसी को उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे।
इस लोकायुक्त का एक अध्यक्ष होगा, जो उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय या बॉम्बे उच्च न्यायालय का कोई न्यायमूर्ति भी अध्यक्ष हो सकते हैं। लोकायुक्त में अधिकतम चार सदस्य होंगे, जिनमें से दो न्यायपालिका से होंगे। लोकायुक्त, अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, विधानसभा में विपक्ष के नेता और परिषद में विपक्ष के नेता शामिल होंगे। साथ ही बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश द्वारा मनोनीत न्यायाधीश भी इसके सदस्य होंगे।



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Wed, Dec 28 , 2022, 03:52 AM