जयपुर, 28 अगस्त (वार्ता)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने गौवंश में फैली लंबी स्किन बीमारी से निपटने के लिए हमें सभी भेदभाव एवं मतभेद से ऊपर उठकर काम करने की जरुरत बताते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार को इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। श्री गहलोत आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक, अधिकारी एवं आमजन से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन (Vaccine) का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में नंदीशालाएं स्थापित करने के लिए पशुपालकों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि गौवंश हमारा सम्मान है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को छह माह से बढ़ाकर नौ माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। श्री गहलोत ने कहा कि कोरोनाकाल में जिस मजबूती और संकल्प के साथ सभी ने बीमारी का मुकाबला किया उसी तरह लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए भी हम एकजुटता से कार्य कर रहे है। हमारी जिम्मेदारी है कि इस संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलें। उन्होंने कहा कि गौवंश में फैली इस बीमारी से निपटने के लिए हमें सभी भेद-भाव व मतभेद से ऊपर उठकर काम करना होगा। राज्य सरकार, जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक व जनसहभागिता से यह बीमारी अब घट रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। सभी जिलों में कंट्रोल रूम (control room) भी स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई गई है।
इस मौके पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक आठ लाख गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7.40 लाख का उपचार हुआ है तथा लगभग 4.30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण की दर तेजी से घट रही है।
गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि यह महामारी देश के 16 राज्यों में फैल गई है। राज्य सरकार भी इस बीमारी को लेकर काफी चिंतित है। आरसीडीएफ द्वारा अब तक छह लाख गोट पॉक्स के टीके वितरित किए जा चुके हैं। दवाई एवं वैक्सीन की खरीद में मुख्यमंत्री की अपील पर कई भामाशाह एवं स्वयंसेवी संगठन आगे आए हैं।
वीसी द्वारा जुड़े नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने वैक्सीनेशन एवं मृत पशुओं के डिस्पोजल संबंधी सुझाव देते हुए उन्होंने राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग का भी आश्वासन दिया। इस मौके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जिलों में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूरी सक्रियता के साथ संक्रमण पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान डेयरी फेडरेशन द्वारा 21 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश दिए हैं। अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर 200 पशु चिकित्सकों एवं 300 पशुधन सहायकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।



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Sun, Aug 28 , 2022, 07:50 AM