मुंबई। हेल्थकेयर सेक्टर (Healthcare sector) की प्रमुख कंपनी नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज़ (Nephrocare Health Services) ने अपने आईपीओ (IPO) की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह पब्लिक इश्यू बुधवार, 10 दिसंबर को खुलेगा और 12 दिसंबर को बंद होगा। वहीं एंकर निवेशकों के लिए बोलियां एक दिन पहले यानी 9 दिसंबर को ली जाएंगी। कंपनी द्वारा दायर रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के मुताबिक यह आईपीओ दो हिस्सों, 353 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 1.12 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) में आएगा।
कैसे खर्च करेगी कंपनी जुटाई गई राशि
कंपनी ने साफ किया है, कि फ्रेश इश्यू से जुटाए गए पैसों का बड़ा हिस्सा भारत में नए डायलिसिस क्लीनिक खोलने पर लगाया जाएगा, जिसके लिए लगभग 129 करोड़ रुपये नियोजित हैं। इसके अलावा 136 करोड़ रुपये कंपनी अपने कर्ज की प्री-पेमेंट या शेड्यूल्ड रीपेमेंट में खर्च करेगी। बची हुई राशि सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। NephroPlus देश में उभरती डायलिसिस जरूरतों को देखते हुए बड़े स्तर पर विस्तार की ओर बढ़ रही है, जिससे वह और अधिक शहरों तक अपनी पहुंच बना सके।
भारत की सबसे बड़ी डायलिसिस नेटवर्क कंपनी
साल 2009 में स्थापित नेफ्रो प्लस आज भारत की सबसे बड़ी ऑर्गनाइज्ड डायलिसिस सर्विस नेटवर्क कंपनी बन चुकी है। सितंबर 2025 तक कंपनी के पास 519 ग्लोबल क्लीनिक थे, जिनमें से 51 क्लीनिक फिलीपींस, उज्बेकिस्तान और नेपाल में हैं। वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने सऊदी अरब (Saudi Arabia) में भी प्रवेश किया और अरेबियन इंटरनेशनल हेल्थकेयर होल्डिंग (Arabian International Healthcare Holding) के साथ मिलकर एक जॉइंट वेंचर शुरू किया। उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की राजधानी ताशकंद (Capital Tashkent) में स्थित इसका 165-बेड वाला डायलिसिस क्लीनिक दुनिया का सबसे बड़ा डायलिसिस सेंटर माना जाता है।
भारत में 288 शहरों तक पहुंच, 5,562 मशीनें
30 सितंबर 2025 तक नेफ्रो प्लस की भारत में मौजूदगी बेहद व्यापक थी। कंपनी 21 राज्यों और 4 यूनियन टेरिटरीज़ के 288 शहरों में डायलिसिस सेवाएं दे रही है। खास बात यह है कि इसके करीब 77% क्लीनिक टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थित हैं, जहां डायलिसिस सुविधाओं की सबसे अधिक जरूरत होती है। कंपनी 5,562 से अधिक डायलिसिस मशीनों के साथ काम कर रही है और मरीजों को हेमोडायलिसिस, होम हेमोडायलिसिस, हेमोडायाफिल्ट्रेशन, हॉलीडे डायलिसिस, डायलिसिस ऑन कॉल और डायलिसिस ऑन व्हील्स जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत
नेफ्रो प्लस ने वित्त वर्ष 25 में अपने संचालन से 756 करोड़ रुपये की आय दर्ज की और 67 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ (PAT) कमाया। सितंबर 2025 को समाप्त छह महीनों की अवधि में कंपनी ने 473 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार भारतीय डायलिसिस सर्विस मार्केट की वैल्यू वित्त वर्ष 24 में 818 मिलियन डॉलर थी, जो 2029 तक 1,979 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। क्रॉनिक किडनी डिजीज दुनिया में मौत का तीसरा सबसे तेजी से बढ़ता कारण माना जाता है, जबकि डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर इसके सबसे बड़े कारण हैं।
कौन हैं प्रमोटर्स और मैनेजर्स
कंपनी के प्रमोटर्स में विक्रम वुप्पाला (Vikram Vuppala), BVP ट्रस्ट, एडोरस इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स हेल्थकेयर पेरेंट लिमिटेड (एचपीएल), इन्वेस्टकॉर्प के IPEF-II और IGOF शामिल हैं। ICICI सिक्योरिटीज़, एंबिट, IIFL कैपिटल और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज़ (इंडिया) इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। कंपनी के इक्विटी शेयर BSE और NSE पर लिस्ट किए जाने का प्रस्ताव है।



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