Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर बड़ा अपडेट, पुतिन दौरे के बाद आपकी जेब पर असर

Thu, Dec 04 , 2025, 02:10 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Vladimir Putin Visit to India:  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) आज से दो दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं। इस दौरे से पहले कई उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। अमेरिका समेत यूरोपियन (Europeans including America) देश इस दौरे पर ध्यान दे रहे हैं। यह बात सामने आई है कि भारत ने रूस से अपना कच्चा तेल इंपोर्ट कम कर दिया है। इस बीच, पिछले दो दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जल्द ही शांति वार्ता शुरू हो सकती है। इस वजह से, खबर आ रही है कि इन्वेस्टर्स और खरीदारों ने कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। दूसरी ओर, भारत की दोस्ती की खातिर रूस कच्चे तेल (Russian crude oil) के एक्सपोर्ट में और रियायतें दे सकता है। इससे भारत को सस्ते दाम पर कच्चा तेल मिल सकता है। इसका असर पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों पर देखा जा सकता है।

कच्चे तेल की कीमत क्या है?

0221 GMT पर ब्रेंट क्रूड 13 सेंट या 0.21% गिरकर $62.32 प्रति बैरल पर था। पिछले सेशन में यह 1.1% गिरा था। US वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 12 सेंट या 0.20% गिरकर $58.52 प्रति बैरल पर था। पिछले कुछ दिनों में क्रूड 1.2% गिरा है।

रूस-यूक्रेन शांति वार्ता

रूसी सरकार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Vladimir Putin and US President Donald Trump) के मुख्य प्रतिनिधियों के बीच करीब पांच घंटे बातचीत हुई। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते पर कोई फैसला नहीं हो सका। उम्मीद है कि रूसी राष्ट्रपति अपने भारत दौरे के दौरान इस पर कोई बड़ा ऐलान करेंगे। इसके बाद क्रूड की कीमतों में गिरावट आने का भी डर है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता हो जाता है, तो दुनिया भर में अस्थिरता कम होगी।

डॉलर की जगह दूसरी करेंसी का इस्तेमाल

रूस से तेल खरीदते समय भारत ने पहले डॉलर का इस्तेमाल किया। बाद में रियाल और चीनी करेंसी का इस्तेमाल किया गया। US लगातार भारत पर रूस से कच्चा तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है। वहीं, कई जगहों पर तेल खरीदने में मुश्किलें आ रही हैं। डॉलर और रुपये के एक्सचेंज रेट में बहुत बड़ा अंतर आ गया है। इसका असर भारतीय तेल खरीदारों पर पड़ रहा है। इसलिए, तेल खरीदने के लिए डॉलर के अलावा दूसरी करेंसी, चीनी करेंसी और रियाल का इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी।

टैरिफ का असर

अप्रैल 2022 से जून 2025 तक, भारत ने रूस से रोज़ाना 1.7-1.9 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा। इससे भारत को $17 बिलियन की बचत हुई। भारतीय कंपनियों को करोड़ों का फायदा हुआ। लेकिन रूस से तेल खरीदने पर US प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगा दिया।  एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ से भारतीय एक्सपोर्ट को करीब $37 बिलियन का नुकसान होने की संभावना है। इससे GDP ग्रोथ रेट में 1 परसेंट की कमी आने की संभावना है।

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