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इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि अपभू जीटीओ के लिए सामान्य 36,000 किमी की बजाय कम है। उपग्रह को अंतरिक्ष यान के प्रणोदन का उपयोग करके ऊपर उठाया जाएगा, जो अधिक कुशल है। उन्होंने बताया कि यह श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से भारतीय रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए जीसैट-7ए को कक्षा में स्थापित किया था। जीसैट-7 और जीसैट-7ए दो समर्पित सैन्य संचार उपग्रह हैं, जबकि इससे पहले प्रक्षेपित किए गए अन्य सभी पृथ्वी अवलोकन और संचार उपग्रह नागरिक और रक्षा, दोनों उद्देश्यों के लिए दोहरे उपयोग वाले थे।



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Thu, Oct 30 , 2025, 09:50 PM