पूर्णिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को जैसे ही बिहार में पूर्णिया एयरपोर्ट (Purnia Airport) के नए टर्मिनल का शुभारंभ किया, लोगो ने कहना शुरू किया कि इस क्षेत्र के भाग्य बदलने वाले हैं लेकिन बहुत से लोगो को नही मालूम है कि इस ज़मीन से बैलगाड़ी युग (bullock cart era) में 3 अप्रैल 1933 को पहली बार विमान उड़ा था। करीब 92 साल पहले पूर्णिया की धरती से उड़ान भरने वाले इस विमान के पुर्जे लंदन से मंगाए गए थे और आजादी के बाद पाकिस्तान के शहर कराची में एसेम्बल हुए थे। उसके बाद जहाज को पूर्णिया लाया गया और 3 अप्रैल 1933 को उसने उड़ान भरी थी। इस उड़ान का उद्देश्य दुनिया की सबसे बड़ी पहाड़ की चोटी 'माउंट एवरेस्ट (Mount Everest)' की ऊंचाई को मापना था।
पूर्णिया एयरपोर्ट से पहली बार कोई व्यावसायिक विमान सेवा 1956 में डकोटा विमान ने कोलकाता के लिए शुरू किया था। दुर्भाग्य से एक दुर्घटना के बाद यह सेवा 1958 में बंद हो गयी थी। 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध के बाद सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस हवाई अड्डे का भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने 1963 में इसका अधिग्रहण कर लिया था। उसके बाद इसका प्रयोग सेना की ज़रूरतों के लिए होता रहा।
1974 में पुनः जैम एयरवेज ने पूर्णिया से व्यावसायिक विमान सेवा शुरू की लेकिन एक साल के अंदर ही उसका परिचालन बंद हो गया। लम्बे अर्से तक पूर्णिया से विमानों का व्यावसायिक परिचालन बंद रहा। 2012 में स्प्लिट एयरवेज ने यहां से पटना और कोलकाता के लिए उड़ान शुरू की थी लेकिन एक साल के बाद यह सेवा भी बंद हो गयी। अब 13 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी के हाथों पूर्णिया में अत्याधुनिक एयरपोर्ट टर्मिनल के शुभारंभ के बाद उम्मीद है कि यह सेवा अबाध गति से चलती रहेगी और इस क्षेत्र के विकास में योगदान देगी।
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Mon, Sep 15 , 2025, 04:04 PM