तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस ने केरल पुलिस (Kerala police) पर मानवाधिकारों के हनन का (violating human rights) आरोप लगाया है। पुलिस ने हाल में केरल छात्र संघ (KSU) के तीन कार्यकर्ताओं को वडक्कनचेरी अदालत में उनके हाथ बांधकर और काले कपड़े से मुंह ढककर पेश किया। एक तानाशाही का दृश्य करार देते हुये केपीसीसी के अध्यक्ष सनी जोसेप (Sunny Joseph) ने कहा कि इस चौंकाने वाले वाकये ने पुलिस बल के राजनीतिक पूर्वाग्रह को उजागर कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसएफआई की गलत शिकायत पर हमारे छात्रों को खूंखार आतंकवादियों की तरह परेड करायी गयी।
इन युवाओं ने ऐसा कौन-सा देशद्रोह वाला काम किया है कि उन्हें इतना अपमान सहना पड़ रहा है? केरल के पुलिस थाने हिटलर, स्टालिन और मुसोलिनी की जागीर की तरह चलाए जा रहे हैं। एआईसीसी महासचिव और सांसद के.सी वेणुगोपाल ने राज्य के मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान में लेने की अपील की और आरोप लगाया, "केरल पुलिस थाने अब यातना शिविर में तब्दील हो चुके हैं जहां छात्र राजनीति अपराध को अपराध माना जाता है।"
केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ए.पी.अनिल कुमार ने कहा कि यह मामला फर्जी था और बताया कि जिन छात्रों पर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, वे स्वयं आरोपी थे, उन्होंने टिप्पणी की कि यह सबूत है कि पिनाराई के शासन में पुलिस अपना पूरा संतुलन खो चुकी है। नेताओं ने वडक्कनचेरी एसएचओ शाहजहां के नेतृत्व में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, जो गृह मंत्री भी हैं, पर राज्य में पुलिस ज्यादतियों को बढ़ावा देने का सीधा आरोप लगाया।
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Sat, Sep 13 , 2025, 01:43 PM