पन्ना: मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके चलते टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र (core area of the Tiger Reserve) यहां जन्मे सभी बाघों को उनके लिए अनुकूल रहवास दे पाने में अक्षम साबित हो रहा है। बाघों की बढ़ती तादाद के लिहाज से 576 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र काफी छोटा पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में यहां के युवा व बुजुर्ग बाघ अपने लिए नये आशियाने की तलाश में कोर क्षेत्र से बाहर निकलकर बफर के जंगल (buffer forest) में पहुंच रहे हैं।
कोर क्षेत्र के चारों तरफ 1021.97 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बफर के जंगल में मौजूदा समय बड़ी संख्या में बाघ स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। बफर क्षेत्र में अपने लिए ठिकाना तलाश रहे इन बाघों की निगरानी व उनकी सुरक्षा इस समय पार्क प्रबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। आज से तक़रीबन डेढ़ दशक पूर्व पन्ना के जंगल बाघ विहीन हो गए थे, लेकिन वर्ष 2009 में यहाँ शुरू हुई बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली चमत्कारिक सफलता के बाद से यहाँ बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा है। अब आलम यह है कि सड़क मार्ग पर चलते हुए भी बाघों के दर्शन होने लगे हैं।
पन्ना-अमानगंज, पन्ना-छतरपुर मार्ग सहित जिला मुख्यालय के निकट खजरीकुडार के जंगल में व सड़क मार्ग के आसपास विचरण करते बाघ अक्सर राहगीरों को दिख जाते हैं। टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़ी है जिससे यहाँ के बाघ अब अपने लिए टैरिटरी (इलाका) की खोज में बाहर निकलने लगे हैं। यही वजह है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व के बाघ अब कोर क्षेत्र से बाहर बफर के जंगल में स्वच्छंद विचरण करते नजर आते हैं। वन विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार पन्ना बफर का जंगल मौजूदा समय में बाघों का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यहां के जंगल में वह सब कुछ है जो बाघों के लिए जरुरी है।
छिपने के लिए बेहतरीन जंगल व लेंटाना की घनी झाड़ियों के साथ यहाँ प्राकृतिक नालों में अविरल बहने वाली जलधार शाकाहारी वन्य जीवों के अलावा शिकारी वन्य प्राणियों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। अकेले अकोला बफर क्षेत्र के जंगल में ही आधा दर्जन से भी अधिक बाघों की मौजूदगी बताई जा रही है। पन्ना बफर में झिन्ना से लेकर खजरीकुडार, दहलान चौकी, हर्रा चौकी, विश्रामगंज घाटी व रानीपुर का इलाका बाघों की चहल-कदमी से गुलजार है। बफर क्षेत्र के जंगलों में बाघों की मौजूदगी को देखते हुए जहाँ निगरानी बढ़ा दी गई है, वहीं जंगल में बाघों के विचरण से अवैध कटाई पर भी स्वाभाविक तौर पर अंकुश लगा है।



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Thu, Sep 11 , 2025, 12:51 PM