Challenge to China: इस समय दुनिया के कई देशों में विवाद चल रहा है। वहीं कुछ देशों में युद्ध जैसे हालात हैं। इसी पृष्ठभूमि में, 19 देश एकजुट होकर चीन को चुनौती दे रहे हैं। यह युद्धाभ्यास तालिस्मन सेबर 2025 नाम से हो रहा है। इस युद्धाभ्यास की गर्जना ऑस्ट्रेलिया समेत पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) के आसपास के समुद्री इलाकों में सुनाई दे रही है। इस युद्धाभ्यास में 19 देश हिस्सा ले रहे हैं। भारत पहली बार तालिस्मन सेबर युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है।
भारत के शामिल होने से क्या होगा?
युद्धाभ्यास में भारत की भागीदारी ने चीन को एक स्पष्ट संदेश दिया है। अगर चीन भारत की सीमाओं पर या हिंद-प्रशांत महासागर (Indo-Pacific Ocean) में अपनी आक्रामक गतिविधियाँ जारी रखता है, तो उसका जवाब देने के लिए एक मजबूत, एकजुट और तकनीकी रूप से तेज़ मोर्चा तैयार है। इस युद्धाभ्यास में 35 से 40 हज़ार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। तालिस्मन सेबर का अर्थ है जादुई तलवार। इस तरह, यह एक जादुई शक्ति है जो चीन को चौंकाती है और जिसके ज़रिए चीन को सतर्क कहा जा रहा है।
चीन के क्षेत्र में युद्धाभ्यास
यह युद्धाभ्यास ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में हो रहा है। और ऑस्ट्रेलिया के बाहर पहली बार, यह पापुआ न्यू गिनी में भी हो रहा है। इसका प्रभाव कोरल सागर और दक्षिण-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र पर पड़ रहा है। जहाँ चीन की गतिविधियाँ चल रही हैं। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर दक्षिण प्रशांत के द्वीपीय देश, सभी इसमें शामिल हैं। संदेश स्पष्ट है कि नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था और संप्रभुता की रक्षा।
चीन का विस्तारवाद
चीन हमेशा से इन देशों के द्वीपों पर अपना दावा करता रहा है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई के हिस्से हों या सोलोमन द्वीप और पापुआ गिनी जैसे छोटे देश, चीन की विस्तारवादी दृष्टि हर जगह है। हालाँकि, यह युद्धाभ्यास यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि हिंद-प्रशांत महासागर किसी एक देश का नहीं, बल्कि सभी का है।
हथियारों का प्रदर्शन
19 देशों और 40,000 सैनिकों वाले इस युद्धाभ्यास पर चीन की भी नज़र है। ऑस्ट्रेलिया ने 400 किलोमीटर की रेंज वाली HIMARS और प्रिसिजन स्ट्राइक मिसाइलों का पहला लाइव-फायर परीक्षण किया। जापान ने टाइप 3 मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया ने K-1 टैंक और K9A2 स्व-चालित हॉवित्जर का प्रदर्शन किया। वहीं अमेरिका के F-35B लड़ाकू विमानों ने भी इसमें हिस्सा लिया है। भारत पहली बार इसमें हिस्सा लेकर चीन को एक बड़ा संदेश दे रहा है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Wed, Jul 16 , 2025, 10:06 PM