वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा आसियान देशों पर अत्यधिक टैरिफ लगाये जाने से ये टैरिफ वाशिंगटन के लिए प्रतिकूल हो सकते हैं, क्योंकि दक्षिण पूर्व एशियाई देश, विशेष रूप से वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस, अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। अमेरिका के साथ आसियान का कुल व्यापार 500 अरब डॉलर से अधिक है, जिससे यह समूह वाशिंगटन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन जाता है। आसियान देशों में इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत टैरिफ, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया, जबकि मलेशिया को 25 प्रतिशत टैरिफ देना होगा। सबसे ज़्यादा टैरिफ म्यांमार और लाओस पर 40 प्रतिशत है। ये देश अमेरिकी वस्तुओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लिहाजा अमेरिका के अत्यधिक व्यापार टैरिफ (US trade tariffs) फ़ायदे से ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कुआलालंपुर स्थित मलाया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं मानवाधिकार के एसोसिएट प्रोफेसर खो यिंग हूई (Kho Ying Hooi) ने आसियान पर ट्रम्प द्वारा लगाये गये टैरिफ के अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र करते हुए इसे विडंबनापूर्ण करार दिया है। श्री खो ने कहा, “ विडंबना यह है कि ये शुल्क अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यवसायों को फ़ायदा पहुंचाने की बजाय उन्हें नुकसान पहुंचायेंगे। आसियान से आयातित उत्पाद, जैसे कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स, अमेरिकी उपभोग और विनिर्माण का अभिन्न अंग हैं। इसके अलावा, कई अमेरिकी कंपनियों ने ट्रम्प के पहले कार्यकाल में लगाये गये शुल्कों को देखते हुये अपना विनिर्माण चीन से दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थानांतरित कर दिया है। ये नये शुल्क अनिवार्य रूप से उस बदलाव को दंडित करते हैं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में और अनिश्चितता पैदा करते हैं। ”
उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम आकार के अमेरिकी व्यवसाय जो किफ़ायती आयात पर निर्भर हैं,“ सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे।” इसके साथ ही प्रोफ़ेसर ने बताया कि आसियान में प्रभाव की मात्रा देश के अनुसार अलग-अलग होगी और वियतनाम, मलेशिया और थाईलैंड पर इसका ‘ख़तरा’ पड़ने की संभावना है, क्योंकि वे “निर्यात-संचालित अर्थव्यवस्थायें हैं, जिनकी अमेरिकी बाज़ारों पर काफ़ी निर्भरता है। ” उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, कंबोडिया, लाओस और म्यांमार जैसे देशों के लिए, प्रभाव ज़्यादा क्षेत्र-विशिष्ट है, जैसे कि विशेष रूप से वस्त्र और जूते क्योंकि ये क्षेत्र श्रम-प्रधान हैं और रोज़गार और विदेशी मुद्रा की रीढ़ हैं। ”
श्री खू ने कहा कि ये टैरिफ आसियान के खुद को एक ‘स्थिर, नियम-आधारित आर्थिक केंद्र’ के रूप में पेश करने के प्रयासों को भी कमजोर करते हैं और इन देशों को अमेरिकी बाजार पर अपनी अत्यधिक निर्भरता का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “ वास्तव में, कई आसियान देशों ने इसी तरह की आर्थिक अनिश्चितता से बचने के लिए अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंधों की संभावनाओं को तलाशना और उन्हें मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसलिए, ये टैरिफ भले ही चुभेंगे, लेकिन विविधीकरण की दिशा में चल रहे पुनर्संतुलन को भी मजबूत करेंगे। ”
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Wed, Jul 09 , 2025, 09:24 PM