नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं को भारतीय कला-संस्कृति और लोक आस्थाओं को दर्शाने वाले चुनिंदा संग्रहणीय उपहार भेंट किये। मोदी द्वारा भेंट किए गए इन उपहारों में अयोध्या में नव निर्मित भव्य राम-मंदिर की प्रतिकृति, पावन सरयू नदी के जल से भरा सुंदर कलश, राजस्थानी धातु एवं नक्काशी कला से निर्मित पराक्रम, शौर्य एवं सौदर्य के प्रतीक शेर की मूर्ति तथा ऊर्जा और शक्ति के प्रतीक सूर्य के सुंदर चित्रण वाली मधुबनी पेंटिग शामिल है।
मोदी ने कैरेबियायी देश त्रिनिदाद और टोबैगो की भारतीय मूल की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेर को राम मंदिर की चांदी की हस्त निर्मित प्रतिकृति भेंट की। उत्तर प्रदेश के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित, यह कलाकृति राम मंदिर की भव्यता और जटिल वास्तुकला को दर्शाती है - जो धर्म, धार्मिकता और दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक है। यह प्रतिकृति स्थानीय हस्तशिल्पियों के धातु के काम की समृद्ध विरासत को दर्शाती है। सजावट से कहीं अधिक, यह एक कालातीत स्मृति है जो अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत और भारत की पवित्र परंपराओं का सम्मान करती है।
मोदी ने श्रीमती कमला बिसेसर को सरयू नदी के पवित्र जल से भरा प्रचुरता का प्रतीक एक सुंदर धातु- कलश भी भेंट किया। यह कलश पवित्रता, आशीर्वाद और आध्यात्मिक कृपा का एक प्रतिष्ठित प्रतीक भी है। मान्यता है कि सरयू नदी का दर्शन-पूजन पापों का नाश करता है और शांति और समृद्धि लाता है। मोदी ने ब्यूनस आयर्स की यात्रा में अर्जेंटिना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई और उप राष्ट्रपि सुश्री विक्टोरिया विल्लारुएल को भी अपने साथ विशेष रूप से लाए उपहार भेंट किये। उन्होंने उपराष्ट्रपति माइली को हाथ से उकेरा गया चांदी का शेर भेंट किया जो पत्थर के आधार पर टिका है। इसमें राजस्थान के खनिज प्रधान क्षेत्रों से प्राप्त चांदी और फ्यूचसाइट पत्थर का उपयोग किया गया है।
शेर साहस और नेतृत्व का प्रतीक है, जबकि फ्यूचसाइट पत्थर - " आयुष और दृढता के पत्थर " के रूप में जाना जाता है। इस तरह यह कृति प्राकृतिक सुंदरता और अर्थ को जोड़ती है। यह भारत देश की समृद्ध कलात्मक और भूवैज्ञानिक विरासत को खूबसूरती से दर्शाती है। मोदी ने उपराष्ट्रपति विल्लारुएल को सूर्य के चित्रण वाली मधुबनी पेंटिंग भेंट की जो ऊर्जा और जीवन का प्रतीक है। बिहार के मिथिला क्षेत्र की मधुबनी पेंटिंग भारत की सबसे पुरानी और विख्यात लोक कला परंपराओं में है। मोटी रेखाओं, जटिल पैटर्न और प्राकृतिक रंगों के लिए प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग पारंपरिक रूप से दीवारों पर त्योहारों के दौरान समृद्धि लाने और नकारात्मकता को दूर करने के लिए उकेरी जाती है।
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Wed, Jul 09 , 2025, 07:38 AM