Axiom-4 mission: एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक जुड़ा,रच गया इतिहास!

Thu, Jun 26 , 2025, 08:51 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

फ्लोरिडा। एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 mission) का स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) से जुड़ गया और इसके साथ ही,भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) ने इतिहास रच दिया। वह आईएसएस में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गये।

भारतीय अंतरिक्ष आकांक्षाओं के लिए एक बड़ी छलांग लगाते हुए भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज इतिहास में तब दर्ज हो गए जब ड्रैगन कैप्सूल आईएसएस पर हार्मनी मॉड्यूल से भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे धीरे-धीरे जुड़ गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसकी पुष्टि की है।

ग्रुप कैप्टन शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं। इस मिशन ने कल फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। मिशन में ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साथ पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन,पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू गये हैं।

इस बीच शुक्ला ने अंतरिक्ष से दिल को छू लेने वाला संदेश भेजा जिसने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने संदेश में उन्होंने कहा,“अंतरिक्ष से नमस्कार! जब मैं कैप्सूल में बैठा था तो मेरे दिमाग में बस यही विचार था कि ‘चलो बस चलते हैं’… और फिर अचानक, कुछ नहीं-आप तैर रहे थे। पृथ्वी के ऊपर तैरते हुए मैं दृश्यों का आनंद ले रहा था, एक बच्चे की तरह सीख रहा था।”

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर बारीकी से नजर रखने वाले वैज्ञानिक डा़ॅ आर सी कपूर ने कहा कि डॉकिंग एक नाजुक ऑपरेशन है जिसके लिए अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता होती है। अंतरिक्ष यान 28,000 किमी/घंटा से अधिक की गति से कक्षा में प्रवेश करते हैं। इसके लिए सभी प्रणालियों में अधिक समन्वय रहना अनिवार्य है।

इस मिशन से भारत ने न केवल अपने अंतरिक्ष सपनों को फिर से जगाया है, बल्कि वाणिज्यिक और सहयोगी अंतरिक्ष शाेध के नए युग में अपनी जगह भी बनाई है। एक्सिओम-4 टीम अब आईएसएस पर अपने शोध प्रयोगों और कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करते हुए विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के अपने मिशन को जारी रखेगी ।

नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु आईएसएस पर जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। आज से 41 साल पहले भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा ने वर्ष 1984 में सोवियत संघ के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी। ग्रुप कैप्टन शुभांशु यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। इसके वर्ष 2027 में लॉन्च होने की संभावना है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में शोध करना और नई तकनीक का परीक्षण करना है। एक्सिओम मिशन -4 एक निजी उड़ान मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा के सहयोग से इसे अंजाम दिया गया है। एक्सिओम स्पेस का यह चौथा मिशन है। आईएसएस पृथ्वी की चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें अंतरिक्ष यात्री सूक्ष्म गुरूत्व में प्रयोग करते हैं।

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