मुंबई: उपमुख्यमंत्री अजित पवार(Ajit Pawar) और मंत्री छगन भुजबल पर एनसीपी, संघ-बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना(Shiv Sena) के 2 नेताओं ने निशाना साधा है. संघ के मुखपत्र आयोजक के बाद अब बीजेपी और संघ की बैठक में लोकसभा हार के लिए एक बार फिर अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया गया है. पुणे में संघ और बीजेपी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, राम शिंदे और विधायक गोपीचंद पडलकर मौजूद रहे. इस बैठक से लोकसभा चुनाव में हार को लेकर अजित पवार की पार्टी एनसीपी के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया गया. भाजपा और संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अजित पवार की पार्टी राकांपा के नेता उनके साथ थे लेकिन कार्यकर्ता नहीं.
बीजेपी विधायकों ने राय जाहिर की कि बीजेपी उम्मीदवार को अजित पवार की पार्टी एनसीपी के वोट नहीं मिले. माढ़ा, सोलापुर, डिंडोरी, मावल लोकसभा क्षेत्रों में अजित पवार गुट के विधायकों, भाजपा और शिंदे गुट के उम्मीदवारों को झटका लगा है. शिरूर लोकसभा क्षेत्र में खेड़ से दिलीप मोहिते पाटिल, जुन्नार से अतुल बेनके, अंबेगांव से दिलीप वलसे और हडपसर से चेतन तुपे समेत 4 विधायक हैं, लेकिन अजित पवार की ही पार्टी एनसीपी के अधा राव पाटिल (Adha Rao Patil)के हार जाने से बीजेपी ने नाराजगी जाहिर की है. इसलिए माना जा रहा है कि इस बैठक में मांग की गई है कि अजित पवार पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए.
रुपाली थोम्ब्रे का बीजेपी पर ही हमला
एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने कहा कि बीजेपी नेतृत्व की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन एनसीपी की रूपाली थोंबरे(Rupali Thombre) ने बीजेपी पर ही हमला बोल दिया. रूपाली थोम्ब्रे ने कहा है कि बीजेपी के खिलाफ नाराजगी का खामियाजा अजित पवार को मिला. कुछ दिन पहले संघ के मुखपत्र आयोजक अजित पवार ने कहा था कि बीजेपी की ब्रांड वैल्यू कम हो गई है. अब माना जा रहा है कि संघ के साथ बैठक से भी अजित पवार विरोधी सुर उभर आए हैं. इधर, बच्चू कडू ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि अजित पवार को दबंग पीट-पीटकर मार रहे हैं और दादा को एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के लिए ही ले जाया गया है.
छगन भुजबल की भूमिकाओं पर शिवसेना आक्रामक
खबरें हैं कि बीजेपी और संघ खास तौर पर अजित पवार से नाखुश हैं. वहीं छगन भुजबल की भूमिका के चलते शिंदे की शिवसेना अब भुजबल के खिलाफ खुलकर बोल रही है. शिरसाट ने कहा कि भुजबल फिलहाल उद्धव ठाकरे गुट का समर्थन कर रहे हैं और उनकी वजह से ही महागठबंधन में उथल-पुथल मची हुई है.
उद्धव ठाकरे और शरद पवार गुट के प्रति सहानुभूति का बयान, बीजेपी द्वारा लोकसभा के लिए नाम तय करने के बाद भी नासिक की सीट नहीं छोड़ने के शिंदे गुट के सुर, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के पोस्टर पर विवाद होने पर मुद्दों पर खड़े होने के अपने बयान के कारण भुजबल अब शिंदे की शिवसेना के निशाने पर आ गए हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे के पास बहुमत होते हुए भी अजित पवार को लेने की क्या जरूरत थी? ऐसा सीधा सवाल टीम ने मुखपत्र के जरिए पूछा. अब बीजेपी-संघ की बैठक से अजित पवार के खिलाफ सुर अभी भी बरकरार हैं. शिंदे गुट ने अपना रुख भुजबल की ओर मोड़ दिया है. इसलिए ये देखना अहम होगा कि आगे क्या होता है.



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Wed, Jun 19 , 2024, 07:18 AM