बिहार में पप्पू यादव ने सर्वाधिक तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बनने का बनाया रिकार्ड

Thu, Jun 06 , 2024, 12:50 PM

Source : Uni India

 पटना। कांग्रेस के बागी नेता राजेश रंजन (Rajesh Ranjan) उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने न सिर्फ पूर्णिया संसदीय सीट (Purnia parliamentary seat) पर ‘सियासी हवा’ का रुख बदलकर सांसद बनें, साथ ही बिहार में अबतक हुये चुनाव मे सर्वाधिक तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बनने का रिकार्ड भी बना दिया। बिहार में वर्ष 1952 से 2019 तक हुये लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में तीन निर्दलीय प्रत्याशी में सर्वाधिक दो-दो बार डुमरांव महाराज कमल सिंह, वामपंथी नेता ए.के.राय और राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शामिल थे। पूर्णिया संसदीय सीट से जीत दर्ज करने के साथ हीं पप्पू यादव ने बिहार में सर्वाधिक तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बनने का रिकार्ड भी बना दिया। बिहार में पप्पू यादव इस बार निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा का चुनाव जीतने वाले एकमात्र राजनेता बने। पप्पू यादव ने बिहार में 14 साल के बाद निर्दलीय प्रत्याशी को जीत दिलायी है। इससे पूर्व वर्ष 2010 में बांका उपचुनाव में पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में बिहार से कोई निर्दलीय प्रत्याशी संसद नहीं पहुंचा। बिहार की हाइप्रोफाइल सीट में शामिल पूर्णिया संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रोमांचक मुकाबले में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रत्याशी संतोष कुमार को 23 हजार 847 मतों के अंतर से शिकस्त दी और वह पूर्णिया से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे।

पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ना चाहते थे और इसी आस में उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी (जाप) का कांग्रेस में विलय कर दिया था। इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच यह सीट बंटवारे के समझौते के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में चली गयी। राजद ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) छोड़कर उनकी पार्टी में आयी रूपौली की पांच बार से विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया। पप्पू यादव ने कांग्रेस आलाकमान से बात की। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी बात की, लेकिन किसीं ने उनकी बात नहीं सुनीं। पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिलने से नाराज पप्पू यादव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव रणभूमि में उतर आये।

नेता प्रतिपक्ष पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीमा भारती के पक्ष में चुनावी सभा की थी। तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव का नाम लिए बगैर मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि यह एनडीए और इडिया की लड़ाई है।या तो आप इंडिया को चुनो ,और इंडिया को यदि नही चुनते हैं बीमा भारती को, तो एनडीए को चुनो। इससे साफ था कि तेजस्वी हर हाल में पप्पू यादव को हराने चाहते हैं। पूर्णिया की आम जनता न ने तो एनडीए और न हीं इंडिया को चुना।पप्पू यादव को पूर्णिया की आम जनता ने साथ दिया और उन्होंने सियासी हवा का रूख पलट दिया और बाजी अपने नाम करने के साथ ही पूर्णिया के ‘सिंघम’ बन गये।श्री पप्पू यादव ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के संतोष कुमार को पराजित कर उनकी हैट्रिक लगाने के सपने को चूर कर दिया। राजद की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही। निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने इससे पूर्व तीन बार पूर्णिया संसदीय सीट से वर्ष 1991, वर्ष 1996 और वर्ष 1999 में जीत हासिल की है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पप्पू यादव ने वर्ष 1991 वर्ष 1999 और अब 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की है।

वर्ष 1952 में बिहार में हुये पहले लोकसभा चुनाव में 49 निर्दलीय प्रत्याशी ने सांसद बनने का सपना संजोये चुनाव लड़ा लेकिन इनमें से एक ही संसद तक पहुंचने में सफल रहे।शाहाबाद उत्तर पश्चिम सीट से डुमरांव महाराज कमल सिंह निर्दलीय चुने गये। वर्ष 1957 में 60 निर्दलीय प्रत्याशी ने अपनी किस्मत आजमायी लेकिन इस बार भी केवल एक निर्दलीय सांसद बनने में सफल रहे। बक्सर सीट से डुमरांव महाराज कमल सिंह फिर निर्वाचित हुये। वर्ष 1962 के चुनाव में 34 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में सांसद बनने के इरादे से उतरे लेकिन आम जनता ने किसी को सांसद बनने का अवसर नहीं दिया।

वर्ष 1967 के आम चुनाव में 99 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे लेकिन चार को ही सफलता मिली। नवादा से सूर्य प्रकाश नारायण पुरी,, चतरा से विजया राजे, हजारीबाग से रामगढ़ के राजा बसंत नारायण सिंह और सिंहभूम से के.विरूआ के सर जीत का सेहरा सजा। बिहार में अबतक हुये लोकसभा चुनाव में चार से अधिक निर्दलीय के सिर जीत का सेहरा नहीं सजा है। चतरा लोकसभा सीट वर्ष 1957 में अस्तित्व में आयी। यहां की पहली सांसद छोटानागपुर संताल परगना जनता पार्टी (सीएसपीजेपी) की प्रत्याशी रामगढ़ राजघराने की महारानी विजया राजे थी।चतरा लोकसभा सीट से रामगढ़ के राजा बसंत नारायण सिंह की पत्नी विजया राजे लगातार तीन बार सांसद बनीं। विजया राजे पहली बार 1957 में सीएसपीजेपी से सांसद चुनी गयी थीं। वर्ष 1962 में विजया राजे ने स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ा और जीती। इसके बाद विजया राजे वर्ष 1967 में निर्दलीय चुनाव लड़ी और विजयी रहीं।चतरा लोकसभा सीट से चिजया राजे लगातार तीन बार सांसद बनीं. इसका रिकॉर्ड भी आज तक नहीं टूटा है।विजया राजे वर्ष 1957 से 1967 तक तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा कर सांसद बनी थी। विजया राजे का हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार में आता था,जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती थी। 1971 में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल सिंह ने जनता पार्टी उम्मीदवार विजया राजी को हरा कर सांसद बने थे।

वर्ष 1968 पर मधेपुरा सीट पर हुये आम चुनाव में दिग्गज समाजवादी नेता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल (बीपीमंडल) ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत हासिल की थी। वर्ष 1971 में 183 निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनावी रणभूमि में अपना भाग्य आजमायां लेकिन जनता ने केवल एक प्रत्याशी को संसद तक पहुंचाया। खूंटी से निराल एनम होरो ने जीत दर्ज की। वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुये चुनाव में 188 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर में अपना भाग्य आजमाने के इरादे से उतरे। दिग्गज वामंपथी नेता और मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी के संस्थापक ए.के. राय ने वर्ष 1977 मे बतौर निर्दलीय धनबाद से चुनाव जीता था। आपातकाल के दौरान उनके नारे, मेरी राय, आपकी राय, सबकी राय-एके राय ने उन्हें जीत दिलाई।

वर्ष 1980 में हुये लोकसभा चुनाव में 391 निर्दलीय प्रत्याशी सासंद बनने के इरादे से चुनावी संग्राम मे उतरे लेकिन दो को ही विजय मिली। शिबू सोरेन दुमका और ए.के.राय एक बार फिर धनबाद से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजयी बनें। वर्ष 1984 के चुनाव में 492 निर्दलीय प्रत्याशी ने अपना भाग्य आजमाया लेकिन जीत का सेहरा केवल एक उम्मीदवार के सिर सजा। गोपालगंज से काली प्रसाद पांडेय ने जीत हासिल की।वर्ष 1989 में 429 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदार में उतरे लेकिन किसी का साथ आम जनता ने नहीं दिया।

वर्ष 1991 में 875 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनावी रणभूमि में अपनी किस्मत आजमायी इसमें केवल एक उम्मीदवार पूर्णिया संसदीय सीट से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को सांसद बनने का सौभाग्य मिला। वर्ष 1996 में 1103 में से एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली। बेगूसराय सीट से रामेन्द्र कुमार सांसद बने।वर्ष 1998 में 179 निर्दलीय प्रत्याशी में से किसी को जीत नहीं मिली। वर्ष 1999 में 187 निर्दलीय प्रत्याशी में से एक ही जीत दर्ज करने में सफल रहे। पूर्णिया संसदीय सीट से एक बार फिर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा पहुंचने में सफल हुये। वर्ष 2000 के रण में 200 निर्दलीय प्रत्याशी जीत के इरादे से उतरे लेकिन किसी को जीत मय्यसर नहीं हुयी।

वर्ष 2009 के आम चुनाव में केवल दो निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बनने में सफल रहे। बांका से दिग्विजय सिंह और सीवान से ओम प्रकाश याादव ने बतौर निर्दलीय जीत हासिल की। गिद्धौर राजघराने के दिग्विजय सिंह को वर्ष 2009 में हुये लोकसभा चुनाव मे जदयू ने टिकट नहीं दिया। दिग्विजय सिंह इस चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याश उतरे और उन्होने राजद प्रत्याशी जय प्रकाश नारायण यादव को पराजित किया। जदयू प्रत्याशी दामोदर रावत तीसरे नंबर और कांग्रेस प्रत्याशी गिरधानी यादव चौथे नंबर पर रहे। दिग्विजय सिंह की जीत की खुशी बहुत दिनों तक नहीं रही. उनका जल्द ही निधन हो गया। बांका सीट दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी वर्ष 2010 में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हाल के कुछ वर्षों की तुलना में धन और राजनीतिक दल का प्रभाव अधिक प्रभावी हो गया है। निर्दलीय उम्मीदवारों के भारतीय लोकतंत्र में चुनाव जीतने का सिलसिला वर्ष 2010 में हुये उपचुनाव के बाद थम गया।इसके बाद बिहार में हुये लोकतंत्र के महापर्व लोकभा चुनाव में वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में कोई भी निर्दलीय जीतकर संसद नहीं पहुंचा है।

वर्ष 1952 से वर्ष 2024 तक बिहार में अबतक हुये लोकसभा चुनाव में केवल 16 निर्दलीय प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा सजा है।जीतने वाले निर्दलीय कभी बगावत तो कभी अपनी निजी साख के सहारे सांसद बने। बिहार में अबतक हुये लोकसभा चुनाव में जीते तीन निर्दलीय प्रत्याशी में सर्वाधिक तीन बार पप्पू यादव,दो-दो बार डुमरांव महाराज कमल सिंह, वामपंथी नेता ए.के.राय शामिल है। वहीं 12 अन्य जीते निर्दलीय में सूर्य प्रकाश नारायण पुरी,विजया राजे,बिंदेश्वर प्रसाद मंडल,बसंत नारायाण सिंह ,के.विरूआ ,निरला एनम होरो, शिबू सोरेन,काली प्रसाद पांडेय,रामेन्द्र कुमार, दिग्विजय सिंह, ओम प्रकाश यादव, पुतुल कुमारी शामिल हैं।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups